देर आए पर दुरुस्त की तर्ज पर शरद यादव ने बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय लिख दिया। 25 साल बाद वो फिर से लालू यादव के हो गए। शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में विलय कर दिया। हालांकि, इसकी अटकलें काफी समय से लग रही थीं लेकिन विलय पर आखिरी मुहर रविवार को ही लग सकी।
शरद यादव ने कहा कि देश में मजबूत विपक्ष स्थापित करना समय की मांग है। मैं इस दिशा में न केवल बिखरी हुई तत्कालीन जनता दल बल्कि अन्य समान विचारधारा वाली पार्टियों को एकजुट करने के लिए लंबे समय से काम कर रहा हूं। इसी वजह से अपनी पार्टी एलजेडी का राजद में विलय करने का फैसला किया। अब मजबूती से लड़ाई लड़ी जाएगी। उका कहना है कि पहले एकता जरूरी है। बीजेपी से लड़ाई में विपक्षी खेमे का नेतृत्व कौन करेगा, ये बाद का सवाल है।
शरद यादव का कहना है कि वो जनता दल के अपने पुराने साथियों को एकजुट करने में लंबे अर्से से लगे थे। एक मजबूत विपक्ष का होना आज वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। अगर समय रहते ऐसा नहीं हो पाता तो ये बड़ी हार होगी। हमें अपने अहम भूलकर बीजेपी के खिलाफ मजबूत फ्रंट बनाना होगा। तभी हम 2024 में उसे शिकस्त देने में कामयाब हो पाएंगे।
उधर, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि शऱद यादव उनके लिए पिता तुल्य हैं। उनका हमारे साथ आना बहुत बड़ी कामयाबी है। राजद को अपनी लड़ाई में शरद यादव का साथ मिलने से बहुत संबल मिलेगा। तेजस्वी का कहना है कि सभी को पता है कि शरद यादव का भारतीय राजनीतिक में कितना अहम स्थान है। वो हमें गाइड करेंगे।
Merger of our party with RJD is first step towards opposition unity. It's imperative that whole opposition gets united across India to defeat BJP. As of now, unification is our priority, it'll be only after that we would think about who'll lead the united opposition:Sharad Yadav
— ANI (@ANI) March 20, 2022
शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल का गठन 2018 में किया था। हालांकि पार्टी के झंडे तले कोई चुनाव नहीं लड़ा गया लेकिन शरद यादव खुद 2019 के लोकसभा चुनाव में मधेपुरा से उतरे थे। उस दौरान वो राजद के टिकट से मैदान में आए थे। उन्हें वहां से हार का सामना करना पड़ा था। उसके बाद से ही वो राजनीतिक हाशिए पर चले गए। उसके बाद से लगातार चर्चाएं थीं कि वो राजद के साथ आ सकते हैं। बीते कई दिनों से कयास थे कि वो राजद में अपनी पार्टी का विलय कर सकता है। लेकिन नई दिल्ली में आज इस पर सहमति बनी।