कर्नाटक हाईकोर्ट ने सिंगल जज की बेंच के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें आईटी मंत्रालय के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए एक्स कॉर्प (ट्विटर) पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। कंपनी को यह राहत तब मिलेगी जब वह एक सप्ताह के भीतर 50 प्रतिशत रकम (25 लाख रुपये) जमा कराएगी।
अदालत ने कहा कि यह जमा राशि एक्स कॉर्प के लिए अपनी प्रामाणिकता प्रदर्शित करने के लिए है। सिंगल जज की बेंच के आदेश पर सुनवाई की अगली तारीख तक रोक रहेगी, जिसने एक्स कॉर्प को 14 अगस्त तक 50 लाख रुपये जमा करने का निर्देश दिया था।
सिंगल जज की बेंच ने 30 जून को कंपनी पर लगाया था जुर्माना
चीफ जस्टिस प्रसन्न बी वराले और जस्टिस एमजीएस कमल की बेंच जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित के आदेश के खिलाफ माइक्रो-ब्लॉगिंग साइट की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। कंपनी ने ट्वीट (पोस्ट), यूआरएल और हैशटैग हटाने के आदेशों को चुनौती देने वाली उसकी याचिका खारिज कर दी थी। सिंगल जज की बेंच ने 30 जून को अपने फैसले में कंपनी पर जुर्माना लगाया था।
डबल बेंच ने बृहस्पतिवार को अपने अंतरिम आदेश में कहा कि हम अपीलकर्ता को इस अदालत में एक सप्ताह के भीतर 25 लाख रुपये जमा करने का निर्देश देते हैं। सिंगल जज ने माना था कि कंपनी ने एक वर्ष से अधिक समय तक इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के आदेशों का पालन नहीं किया और फिर उन आदेशों के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
मिनिस्ट्री ने एक्स कार्प के लिए 10 आदेश किए थे जारी
मिनिस्ट्री ने दो फरवरी, 2021 और 28 फरवरी, 2022 के बीच सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69ए के तहत 10 सरकारी आदेश जारी किए थे, जिसमें 1,474 खातों, 175 ट्वीट्स, 256 यूआरएल और एक हैशटैग को ब्लॉक करने का निर्देश दिया गया था। एक्स कॉर्प (तत्कालीन ट्विटर) ने इनमें से 39 यूआरएल से संबंधित आदेशों को चुनौती दी।