लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार किसानों को साधने की फिराक में है। आलू, प्याज और टमाटर उत्पादकों को वह अप्रैल-मई से पहले न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का फायदा दे सकती है। नीति आयोग में कृषि क्षेत्र पर बनी कोर कमेटी के सदस्य के मुताबिक, आयोग ने सिफारिश की है कि सरकार इस सूची में लहसुन, आलू, प्याज, टमाटर और दूध को भी शामिल करे, ताकि इनकी खेती और इससे जुड़े काम करने वाले किसान लाभान्वित हो सकें।
आयोग में कृषि मामलों की कोर कमेटी के सदस्य कृष्णवीर चौधरी ने इस बारे में एक बिजनेस चैनल से बात की। उन्होंने कहा, “हाल ही में नीति आयोग की बैठक में मोदी सरकार से यह सिफारिश की गई थी कि वह लहसुन, प्याज, आलू, टमाटर और दूध को भी एमएसपी सूची में शामिल करे, जिसमें मौजूदा समय में 25 उत्पाद शामिल हैं।”
उनके हवाले से आगे कहा गया- आयोग का प्रस्ताव पाने के बाद कृषि मंत्रालय ने इस मसले को गंभीरता से लिया है, जबकि सरकार फिलहाल आयोग की सिफारिश को लागू करने पर विचार-विमर्श कर रही है।
लोटस डेरी प्रोडक्ट्स के निदेशक अनुज मोदी ने इस संबंध में बताया कि एमएसपी सूची में इन चीजों को जोड़ा जाना, खासकर दूध को, सरकार का काफी सराहनीय कदम होगा। अगर यह लागू कर दिया गया, तब इससे किसानों को बहुत लाभ मिलेगा।
इससे पहले कहा जा रहा था कि केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय लकड़ी के लिए एमएसपी के तहत योजना ला सकता है। यह विचार संसद की स्टैंडिंग कमेटी (विज्ञान और तकनीक, पर्यावरण और वन) ने दिया था।
दिल्ली की एक गैर-सरकारी संस्था ने इस बारे में समिति को सुझाव देते हुए कहा था, “बड़े स्तर पर किसानों का मनोबल बढ़ाने के लिए बाजार का समर्थन अहम है। भारत सरकार को ऐसे में लकड़ी की कम से कम 10 से 15 प्रजातियों के लिए एमएसपी लेकर आना चाहिए।”