कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा की जमीन खरीदने वाली कंपनी को जिस फर्म ने लोन दिया, उसे आयकर (आईटी) विभाग के टैक्स पैनल से बड़ी राहत मिली है। यह राहत तकरीबन 500 करोड़ रुपए की आय पर दी गई। वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मसले को लेकर आईटी विभाग पर शिकंजा कसा है। सूत्रों की मानें तो इस मामले में ढील देने वाले आयकर अधिकारियों से जल्द पूछताछ होगी। वहीं, वाड्रा ने इस पर सफाई में कहा कि चुनाव के चलते यह मुद्दा गर्माया है। बीजेपी हार के डर के मारे इसे मुद्दा बना रही है।

यह मामला वॉड्रा की राजस्थान के बीकानेर स्थित एक जमीन से जुड़ा है। दरअसल, ईडी कुछ दिनों से विवादित जमीन के लेन-देन के कई मामलों की जांच कर रहा था, जिसमें वाड्रा की कंपनियां भी शामिल थीं। ईडी ने इस मामले में इनकम टैक्स सेटलमेंट कमीशन से भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) से जुड़ी कार्यवाही का ब्यौरा पेश करने को कहा। यह वही फर्म है, जिसने वाड्रा की जमीन खरीदने वाली दिल्ली की कंपनी को लोन दिया था। कंपनी ने यह जमीन वाड्रा द्वारा अधिगृहीत कीमत से सात गुणा अधिक दाम पर खरीदी थी।

दो महीने पहले, ईडी के तत्कालीन निदेशक करनाल सिंह ने कमीशन से लिखित में बीपीएसएल केस से जुड़े ब्यौरे की मांग की थी, जबकि इस मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया गया था। उन्होंने इसके अलावा पुनर्गठित बेंच से जुड़ा ब्यौरा भी पेश करने के लिए कहा था, जिस पर आरोप लगा है कि बीपीएसएल को राहत देने के लिए आदेश में काफी ढिलाई बरती गई।

सूत्रों के मुताबिक, ईडी इससे पहले भी कमीशन से पूछताछ कर चुका है। पर जवाब में कमीशन ने कहा था कि सारे रिकॉर्ड आग में जलकर नष्ट हो गए। 2011-12 में बीपीएसएल ने दिल्ली की एलीजेनी फिनलीज प्राइवेट लिमिटेड को 5.64 करोड़ रुपए का लोन दिया था। रिकॉर्ड के मुताबिक, एलीजेनी ने इसी पैसे से बीकानेर में वाड्रा से स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी नाम की प्रॉपर्टी खरीदी।

दिसंबर में तब सेटलमेंट कमीशन ने एक आदेश दिया, जिसमें इनकम टैक्स (आईटी) विभाग के खिलाफ बीपीएसएल की याचिका का जिक्र था। फिर आईटी विभाग ने बीपीएसएल को शो-कॉज नोटिस जारी किया और कंपनी से साल 2004-2005 और 2011-2012 के दौरान उसके कई खातों में 800 करोड़ रुपए से ऊपर गई रकम को इनकम टैक्स रिकॉर्ड में दिखाने के लिए कहा। पर अंतिम आदेश में सेटलमेंट कमीशन ने उस रकम को घटाकर 317 करोड़ दिखाया। यानी यहां आय के मामले में बीपीएसएल को तकरीबन 500 करोड़ रुपए की राहत दी गई। इतना ही नहीं, पैनल ने कानूनी प्रक्रिया और पेनाल्टी से भी उसे छूट दी थी।

सेटलमेंट कमीशन के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद ने बताया, “उस आदेश को जारी हुए पांच साल से अधिक हो चुके हैं। काफी समय होने के कारण मुझे ब्यौरे याद नहीं हैं।” 26 नवंबर को जब बीपीएसल अधिकारियों को इस लोन और सेटलमेंट कमीशन द्वारा दी गई राहत के बारे में बताया गया, तो एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बीपीएसएल का जवाब आना बाकी है, जिसका हमें इंतजार है।”