हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को कांग्रेस पचा नहीं पा रही है। खासतौर पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा खफा-खफा हैं। आज शाम वह पार्टी नेताओं के साथ चुनाव आयोग के दफ्तर पहुंचे थे। वहां से बाहर निकले तो कहा,”हरियाणा के ये नतीजे चौंकाने वाले हैं, क्योंकि सबको लग रहा था कि कांग्रेस हरियाणा में सरकार बनाएगी। जब पोस्टल बैलेट की गिनती शुरू हुई तो कांग्रेस हर जगह आगे चल रही थी, लेकिन जब ईवीएम की गिनती शुरू हुई तो कांग्रेस पिछड़ गई। हमें कई शिकायतें मिली हैं। कई जगहों पर वोटों की गिनती में देरी हुई। चुनाव आयोग ने हमें भरोसा दिलाया है कि वो सभी शिकायतों पर गौर कर रहे हैं।” हरियाणा विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 48 सीटें मिली हैं और कांग्रेस 37 सीटें हासिल कर सकी है। 

क्यों परेशान हैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा?

हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे जब सामने आना शुरू हुए तो रूझानों में कांग्रेस काफी आगे चल रही थी। कांग्रेस के कार्यलयों में मिठाइयां बंटना शुरू हो गया था, ढोल बज रहे थे लेकिन जैसे-जैसे नतीजे सामने आने लगे बीजेपी ने बढ़त बना ली और फिर कांग्रेस एक बार भी नंबर में आगे नहीं जा सकी। शाम होते होते क्लियर हो गया कि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में काबिज हो गई।

दिनभर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दिनभर कहते रहे कि मतगणना धीरे हो रही है। कहते रहे कि कांग्रेस आसानी से सरकार बना लेगी। परिणाम से एक दो दिन पहले तक तो उनसे सीएम कौन बनेगा जैसे सवाल तक किए जा रहे थे। ऐसे में वह इस हार को पचा नहीं पा रहे हैं।

चुनाव अधिकारियों से मिलने के बाद कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “हमने उनके संज्ञान में सात विधानसभा क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी है, जहां हमारे उम्मीदवारों ने हमें बताया है कि मतगणना के दिन सुबह बैटरियां 99% चार्ज दिखाई दे रही थीं, जो असंभव है, क्योंकि मतदान के दिन पूरे दिन उन्हीं मशीनों और बैटरियों का इस्तेमाल किया गया और फिर उन्हें स्ट्रांग रूम में रख दिया गया। इसलिए इतने दिनों के बाद भी बैटरी बिल्कुल भी चार्ज नहीं हुई और यह 99% दिखाती है। यह अस्वाभाविक है। यही बात हमने उनके संज्ञान में लाई है। 13 और विधानसभा क्षेत्र हैं, जहां से हमें शिकायतें मिल रही हैं। हम उन्हें शिकायतें भेजेंगे। उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वे हमारे सवालों का जवाब देंगे। लेकिन आश्वासन से काम नहीं चलेगा। हमें सबूतों के साथ ठोस जवाब चाहिए। भाजपा का इससे क्या लेना-देना है? यह विपक्ष चुनाव आयोग के बीच का मामला है।”

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हुड्डा ने सीधेतौर पर दावा किया है कि ईवीएम की गिनती शुरू होने के बाद से ही कांग्रेस पिछड़ती चली गई। जयराम रमेश और पवन खेड़ा सहित कांग्रेस नेताओं ने भी इन बातों को दोहराया है।