बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के उर्दू विभाग ने फेसबुक पर एक वेबिनार का पोस्टर जारी किया था। इसमें उर्दू के शायर अल्लामा इकबाल की तो तस्वीर थी लेकिन बीएचयू के संस्थापक पंडित मदनमोहन मालवीय का फोटो नहीं लगाया गया था। एबीवीपी और आरएसएस के विंग से जुड़े छात्रों ने इस पोस्टर का विरोध किया तो इसे फेसबुक और अन्य प्लैटफॉर्म से हटा लिया गया। इसपर अपनी गलती मानते हुए उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष ने सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी है।

विश्वविद्यालय ने उर्दू विभाग के HoD प्रोफेसर आफताब अहमद को चेतावनी पत्र भी जारी किया है और इस मामले में जांच के लिए एक कमिटी बना दी है। वहीं अहमद ने माफी मांगते हुए कहा है कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था।

सोमवार को बीएचयू के आर्ट फैकल्टी के डीन ने ट्वीट किया, ‘फैकल्टी ऑफ आर्ट का उर्दू विभाग एक वेबिनार का आयोजन कर रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पोस्टर में गलती हुई है। हम उसके लिए माफी मांगते हैं।’ थोड़ी देर बाद एक नया पोस्टर जारी किया गया जिसमें अल्लामा इकबाल का फोटो हटा दिया गया था और पंडित मालवीय की तस्वीर लगा दी गई थी।

वहीं प्रो अहमद ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘जैसे ही मुझे पता चला कि पोस्टर को लेकर लोग आपत्ति जाहिर कर रहे हैं, मैंने उसे हटा लिया और माफी भी मांग ली। मैंने कहा कि इकबाल की जगह पंडित मालवीय की तस्वीर होनी चाहिए। पोस्टर कुछ छात्रों ने पोस्ट किया था। मैं इशे पहले नहीं देख पाया फिर भी मैं इस गलती की जिम्मेदारी लेता हूं।’

बता दें कि बीएचयू में इस तरह के विवाद अकसर होते रहते हैं। पिछले दिनों नीता अंबानी के बीएचयू में गेस्ट फैकल्टी के रूप में आने पर भी विवाद हुआ था। कई संगठनों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद यह फैसला वापस ले लिया गया था।