महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने कड़ी आलोचना के बाद शराब की होम डिलीवरी कराने वाली गेमचेंजर योजना पर यू टर्न ले लिया। रविवार (14 अक्टूबर) शाम राज्य सरकार ने योजना के बनने से पहले ही इस पर रोक लगा दी। आपको बता दें कि इससे पहले, खबर थी कि ड्रंकन ड्राइव के मामलों में हो रहे इजाफे पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार शराब की होम डिलीवरी पर योजना बनाएगी।
अगर यह योजना बनकर अमल में आ जाती तो देश में यह काम करने वाला पहला राज्य महाराष्ट्र होता। यहां तक कि राज्य में उत्पाद शुल्क मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने ‘टीओआई’ से इसे गेमचेंजर बताते हुए दावा किया था कि योजना के जरिए ड्रंकन ड्राइविंग के मामलों पर लगाम लगेगी। उन्होंने इसके अलावा कहा था कि देश में जैसे ई-कॉमर्स कंपनियां काम करती हैं, उसी तरह शराब की होम डिलीवरी भी कराई जाती।
मीडिया रिपोर्ट्स में घर पर शराब की डिलीवरी कराने के लिए आधार कार्ड भी जरूरी बताया जा रहा था। राज्य मंत्री के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया था, “लोगों को जिस तरीके से ग्रॉसरी और बाकी चीजें घर पर पहुंचाई जाती हैं, उसी तरीके से घर पर शराब भी मिला करेगी। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ऑर्डर करने वाले शराब पीने की न्यूनतम आयु की शर्त पर खरे उतरते हों।”
इतना ही नहीं, होम डिलीवरी के जरिए दी जाने वाली शराब की बोतलों पर जियो टैग लगे होने की बात भी सामने आई थी। मंत्री के मुताबिक, “बोतल के ढक्कन पर टैंगिंग होगी। हम मैन्युफैक्चरर से लेकर ग्राहक तक को इसके जरिए ट्रैक कर सकेंगे। नकली शराब और तस्करी रोकने में भी यह तरीका खासा काम आएगा।”
गौरतलब है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2015 में कुल 4.64 लाख सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 फीसदी लोग ड्रंकेन ड्राइविंग का शिकार हुए, जिसमें लगभग 6295 लोग चोटिल हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार, इन हादसों में तकरीबन 2,988 लोगों की जान चली गई थी।