भारतीय किसान यूनियन का दावा है कि भाजपा शासित राज्यों और खासकर उतर प्रदेश में किसानों को नोटिस भेज उन्हें कोविड प्रोटोकाल न तोड़ने और धारा 144 का उल्लंघन न करने को कहा जा रहा है।
परेड के लिए दिल्ली कूच कर चुके किसानों के ट्रैक्टरों को जगह-जगह रोकने का प्रयास भी किया जा रहा है। कुछ किसानों के घरों और गांवों में पुलिस और प्रशासन की ओर से दबिश दी जा रही है। भारतीय किसान यूनियन के नेता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा, बावजूद इसके 26 जनवरी को किसान परेड ऐतिहासिक होगी। हालांकि किसान गणतंत्र परेड में राजनैतिक दलों के झंडे और व्यक्तियों के शामिल होने पर पूरी तरह से पाबंदी है।
दिल्ली से लगने वाली तमाम सीमाओं पर 26 जनवरी के गणतंत्र परेड की तैयारियां जोरों पर हैं। बिजनौर के किसान दिगम्बर सिंह की अगुआई में हजारों किसान लाठी की जगह गन्ने पर संगठन और देश के झंडों को लगाकर देर शाम गाजीपुर धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने दावा किया कि रास्ते मे कई जगह किसानों के ट्रैक्टरों को रोकने का प्रयास किया गया।
राकेश टिकैत ने किसानों को परेशान करने की पुष्टि करते हुए कहा-पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के हर जिलों से भारतीय किसान यूनियन के झंडे तले हजारों ट्रैक्टर गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि ट्रैक्टर को रोकने के लिए प्रशासन, संगठन के कार्यकर्ताओं को नोटिस भिजवा रहे हंै। जिसमें उन पर कोविड-प्रोटोकॉल तोड़ने एवं धारा 144 का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई करने का दबाव डाल कर ट्रैक्टर परेड नहीं करने के लिए कहा जा रहा है।
टिकैत की माने तो अलीगढ़ सहित कई जिलों में ट्रैक्टरों को रोक दिया गया। किसानों ने वहीं पर धरना देना शुरू कर दिया है। विभिन्न जिलों में प्रशासन की तरफ से कार्यकर्ताओं को धमकियां भी दी जा रही है। प्रशासन व पुलिस के लोग भी उनके घर और गांव में दबिश दे रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा-दिल्ली की तरफ आने वाले रास्तों पर चेकिंग और बैरिकेड से रोकने का प्रयास जारी है।
लेकिन 26 जनवरी को किसान दिल्ली की सड़कों पर पूरे स्वाभिमान के साथ देश के हर एक जन की अगुआई में खड़ा होगा। झांकी में होगी किसानों की कहानी : प्रदर्शनकारी किसानों ने कहा कि परेड में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के कुछ बच्चों ने किसानों की आत्महत्या पर एक झांकी की योजना बनाई है। इसके अलावा इसमें विभिन्न विषयों पर झांकी होगी, जिसमें भारत में किसान आंदोलन का इतिहास, महिला किसानों की भूमिका और विभिन्न राज्यों में खेती के अपनाए जाने वाले तरीके शामिल होंगे। देश व प्रदेश के लिए मेडल जीतने वाली किसानों की बेटियां भी इस परेड का हिस्सा बनेंगी पंजाब और हरियाणा के प्रतिभागी पारंपरिक और आधुनिक कृषि तकनीक और किसानों की ओर से बैलगाड़ी चलाने का प्रदर्शन करेंगे।

