Bharat Bandh Today: पुलवामा हमले को लेकर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (सीएआईटी) ने आज (18 फरवरी, 2019) देशव्यापी बंद बुलाया है। व्यापारियों की यह संस्था इसके जरिए 14 फरवरी को हुए बड़े फिदायीन आतंकी हमले में 40 शहीदों के परिजन के प्रति एकजुटता का संदेश दे रही है। सीएआईटी के एक बयान में कहा गया था, “सोमवार को सभी बड़े बाजार बंद रहेंगे और वहां कोई व्यापारिक गतिविधि नहीं होगी। वहीं, दिल्ली में भी सभी बड़े थोक और फुटकर बाजार इस बंद का समर्थन करेंगे।”

सीएआईटी से जुड़े हुए प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक, व्यापारी वर्ग शहीदों के परिजन को आर्थिक मदद मुहैया कराने के भी संभव प्रयास करेगा। रिपोर्ट्स की मानें तो दिल्ली में चांदनी चौक, खारा बावली, कश्मीरी गेट, चावड़ी बाजार, सदर बाजार, कनॉट प्लेस, करोल बाग, राजौरी गार्डन, कमला नगर, साउथ एक्स, लाजपत नगर, लक्ष्मी नगर, प्रीत विहार और गांधी नगर समेत कई बाजार बंद रहेंगे।

माना जा रहा है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, और अन्य राज्यों में भी कारोबारी इस बंद के समर्थन में दुकानें बंद रखेंगे। वे इसके अलावा भूख हड़ताल पर रहेंगे और अलग-अलग जगहों पर मार्च निकालेंगे।

इतना ही नहीं, व्यापारी वर्ग इसके अलावा चीनी उत्पादों का बहिष्कार भी करेंगे। संस्था की तरफ से कहा गया था, “चूंकि चीन पाकिस्तान की मदद कर रहा है, लिहाजा सीएआईटी ने फैसला लिया है कि हम चीनी उत्पादों के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाएंगे।”

उधर, कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में भी आतंकी हमले के बाद से बाजार बंद हैं। अधिकारियों के अनुसार- दुकानें, पेट्रोल पंप और अन्य व्यापारिक संस्थाएं श्रीनगर में बंद हैं। वहीं, देश के विभिन्न राज्यों में कश्मीरियों के साथ कथित शोषण की घटनाओं को लेकर कुछ अन्य स्थानीय संस्थाओं ने भी बंद का आह्वान किया है।

उत्तर पूर्वी राज्य असम में भी व्यापारियों ने बंद बुलाया। गुवाहाटी में लोगों ने पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ के शहीदों को श्रद्धांजलि दी और आतंकियों के खिलाफ कड़ी नाराजगी जाहिर की।

बता दें कि 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिला स्थित अवंतीपुरा में सीआरपीएफ की बस पर फिदायीन हमला हुआ था। घटना के दौरान 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए, जबकि कई को गंभीर चोटें आई थीं। यह हमला 2019 का सबसे बड़ा आतंकी हमला और उरी हमले के बाद भीषण हमला करार दिया गया। इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।