अनुसूचित जाति और जनजातियों में सब कैटेगरी को लेकर सुनाए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने 21 अगस्त को भारत बंद का ऐलान किया है। जानकारी सामने आ रही है कि देश के अलग-अलग हिस्सों में सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक बंद की योजना बनाई गई है और सभी दुकानें, स्कूल और कॉलेज बंद रखने के लिए कहा गया है। इस बंद का बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती, कांग्रेस, आरजेडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और लेफ्ट के कई संगठनों ने समर्थन किया है।
किस पार्टी ने क्या कहा?
जेएमएम के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने एक बयान में कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया हालिया फैसला नुकसानदायक होगा। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आरजेडी के प्रदेश महासचिव और मीडिया प्रभारी कैलाश यादव ने कहा कि पार्टी ने भारत बंद को अपना समर्थन देने का ऐलान किया है। कांग्रेस प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने भी कहा कि कांग्रेस ने भी बंद का समर्थन किया है।
दलित एवं आदिवासी संगठनों के राष्ट्रीय परिसंघ (एनएसीडीएओआर) ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के सात न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले को लेकर विरोध जताया है। उनके मुताबिक यह फैसला ऐतिहासिक इंदिरा साहनी मामले में नौ न्यायाधीशों की पीठ द्वारा दिए गए फैसले को कमजोर करता है, जिसने भारत में आरक्षण की रूपरेखा स्थापित की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण के मुद्दे पर 1 अगस्त को फैसला सुनाया था कि अनुसूचित जाति और जनजातियों में सब कैटेगरी बनाई जा सकती है। फैसला सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने 6/1 के मत से सुनाया था। यह सुनवाई CJI डीवाई चंद्रचूड़ कर रहे थे। उनके साथ 6 जजों ने इस पर सहमति जताई थी कि जस्टिस बेला त्रिवेदी इससे सहमत नहीं थीं।
देशभर के कई हिस्सों में दलित संगठनों की ओर भारत बंद का ऐलान किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से लिखा गया है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में कलेक्टर ने बंद को देखते हुए स्कूलों और कोचिंग संस्थानों से बच्चों की छुट्टी करने का अनुरोध किया है। हालांकि इस आदेश की हम पुष्टि नहीं कर रहे हैं।