एससी/एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट के हाल के फैसले के विरोध में यूपी, बिहार, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान समेत देश के कई हिस्सों में दलित संगठनों का विरोध प्रदर्शन उग्र हो चला है। हिंसा की घटनाएं सामने आ रही हैं। एक्ट में किए गए बदलावों को वापस लेने की मांग करते हुए दलित संगठनों ने भारत बंद का आह्वान किया था, जिसका व्यापक असर दिख रहा है। टीओआई की खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश के मुरैना में एक शख्स की मौत हो गई। ग्वालियर में कर्फ्यू लगाया गया। वहीं, कई जगहों पर ट्रेनें रोके जाने की खबर है तो कहीं तोड़फोड़, आगजनी और पुलिस के साथ झड़प भी देखी गई।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने कारों में तोड़फोड़ कर डाली। राजस्थान के बाड़मेर में भी कारों में तोड़फोड़ की गई और घरों के क्षति पहुंचाने की खबर है। झारखंड के रांची में प्रदर्शनकारियों और पुलिस में झड़प देखी गई।
भारत बंद से जुड़े ताजा अपडेट जानने के लिए यहां क्लिक करें।
#WATCH #BharatBandh over SC/ST protection act: Clash between protesters and Police in Ranchi. Several people injured #Jharkhand pic.twitter.com/nYc19J6oUu
— ANI (@ANI) April 2, 2018
WATCH: Protesters resort to stone pelting in Bhind during #BharatBandh over the SC/ST Protection Act. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/40KmhV3Ckm
— ANI (@ANI) April 2, 2018
मध्यप्रदेश के भिंड से प्रदर्शनकारियों के पथराव करने का वीडियो सामने आया है। वहीं देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने एक्ट को लेकर पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसकी जानकारी दी। दलित संगठनों के भारत बंद को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत बंद को सलाम किया है। राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा- ”दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना आरएसएस/बीजेपी के डीएनए में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं। हम उनको सलाम करते हैं।”
दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं।
हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं।
हम उनको सलाम करते हैं।#BharatBandh
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 2, 2018
सुप्रीम कोर्ट ने हाल के फैसले में एससी/एसटी एक्ट के तहत तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगा थी और अग्रिम जमानत को मंजूरी देने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था इस एक्ट के अंतर्गत मामलों में तुरंत गिरफ्तारी के बजाय पुलिस को 7 दिनों की जांच के बाद उसके आधार पर एक्शन लेना होगा। वहीं सरकारी अधिकारी की गिरफ्तारी उच्च अधिकारी के स्तर की मंजूरी के बिना नहीं हो सकेगी। गैर सरकारी कर्मचारी को गिरफ्तार करने के मामले में एसएसपी की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद दलित संगठनों का कहना है कि इस तरह के बदलाव से दलितों और आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार को बढ़ावा मिलेगा। 1989 के अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का हवाला देते हुए दलित संगठनों ने कहा कि अगर मामले में अग्रिम जमानत दी जाएगी तो अपराधी के बचने की संभावना भी बढ़ जाएगी।
#BharatBandh over SC/ST protection act: Protest turns violent in Barmer, cars and property damaged. #Rajasthan pic.twitter.com/gZ0rtMSeg5
— ANI (@ANI) April 2, 2018
I wish to convey that today we've filed a petition on the judgement by Supreme Court on the SC/ST act. We have filed a comprehensive review petition which will be presented before the court by the senior lawyers of the government: Ravi Shankar Prasad, Union Law Minister #SCSTAct pic.twitter.com/d7fzlUtTHy
— ANI (@ANI) April 2, 2018