केंद्र के नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान संगठनों के आह्वान पर बुलाए गए ‘भारत बंद’ के समर्थन में मंगलवार को देश के कई हिस्सों में दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान बंद रहे और परिवहन पर असर पड़ा। प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरे और ट्रेन समेत यातायात को बाधित किया। कुछ स्थानों पर आगजनी की गई।

बंद से आपात सेवाओं और बैंकों को दूर रखा गया है। अखिल भारतीय बंद को अधिकतर विपक्षी दलों और कई ट्रेड यूनियनों का समर्थन मिला है। पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों और किसानों के प्रदर्शन का केंद्र बनी दिल्ली में बंद का असर दिखा।

बंद को देखते हुए देशभर में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है। दिल्ली की सीमाओं पर हजारों किसान पिछले 11 दिन से प्रदर्शन कर रहे हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा में प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर ट्रेनें रोकीं। राजस्थान के अनेक इलाकों में शुरुआती असर मिला जुला रहा। प्रदेश की राजधानी जयपुर में ‘मंडियां’ बंद थीं, लेकिन दुकान खुली थीं। प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प की खबरें हैं।

देश के अधिकतर हिस्सों में प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अधिकतर मुख्य बाजार खुले रहे लेकिन ऐप आधारित कैब सेवाएं सड़कों पर नहीं दिखी। हालांकि, सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली पुलिस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नजरबंद करने का आरोप लगाए जाने के बाद तनाव पैदा हो गया था।

आप के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया, “गृह मंत्रालय के निर्देश पर, दिल्ली पुलिस ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को सिंघू बॉर्डर पर किसानों से मिलने के बाद से ही नजरबंद कर दिया है। किसी को भी उनके आवास पर जाने या वहां से किसी को बाहर आने की अनुमति नहीं है। हमारे विधायकों की पिटाई की गई। वहां कई अवरोधक लगाए गए हैं और घरेलू सहायिका को भी घर के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा।” हालांकि, दिल्ली पुलिस ने पार्टी के दावों को खारिज किया है। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने स्टेडियम को किसानों के लिए जेल बनाने से रोका तो आज इन्होंने मुख्यमंत्री के घर को जेल बना रखा है। पुलिस तय करेगी कि मुख्यमंत्री किससे मिलेंगे और किससे नहीं?

‘भारत बंद’ के समर्थन में शहर में कुछ ऑटो और टैक्सी संघों ने भी भाग लिया और सड़कों पर वाहनों को नहीं उतारने का फैसला किया, वहीं कुछ ने हड़ताल से दूरी बनाई। किसान यूनियनों ने मंगलवार सुबह 11 से दिन में तीन बजे तक चक्का जाम के दौरान देशभर में राजमार्गों को बाधित करने और टोल प्लाजा को घेरने की चेतावनी दी थी। नये कानून को लेकर जारी गतिरोध पर बुधवार को केंद्र सरकार की किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता होने वाली है।

अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के महासचिव हन्नान मौला ने कहा कि ‘भारत बंद’ किसानों की ताकत दिखाने का एक जरिया है और उनकी जायज मांगों को देशभर के लोगों का समर्थन मिला है। मौला ने कहा, “हम तीनों कानूनों की पूरी तरह वापसी की अपनी मांग पर अडिग हैं और किसी तरह के संशोधनों पर राजी नहीं होंगे। ये ऐसे कानून हैं, जिसमें संशोधन से कोई फर्क नहीं पड़ेगा।”

पंजाब में अनेक स्थानों पर दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। राज्य में पेट्रोल डीलरों ने भी पेट्रोल पंप बंद रखे। पड़ोसी राज्य हरियाणा में विपक्षी दल कांग्रेस और इंडियन नेशनल लोक दल ने भारत बंद को समर्थन दिया। दोनों ही राज्यों में सुबह से ही किसान राजमार्गों तथा अन्य महत्वपूर्ण मार्गों पर एकत्रित होने लगे थे। हरियाणा पुलिस ने यात्रा परामर्श जारी किया है जिसमें कहा है कि लोगों को कई मार्गों एवं राजमार्गों पर दोपहर 12 बजे से अपराह्न तीन बजे तक यातायात की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस और वाम दलों के साथ ‘भारत बंद’ का समर्थन किया है। प्रदर्शनकारियों ने राज्य में कई स्थानों पर रेल पटरियों को जाम किया और सड़कों पर धरना दिया। बंद का असर राज्य में देखने को मिला, जहां निजी वाहन सड़कों से नदारद रहे और बस, टैक्सी जैसे सार्वजनिक वाहनों का परिचालन सामान्य से कम है।

महाराष्ट्र में मुम्बई और अधिकतर हिस्सों में उपनगरीय ट्रेनों और बसों सहित सार्वजनिक परिवहन सेवाएं मंगलवार को किसानों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के बावजूद लगभग सामान्य रहीं। महाराष्ट्र के अनेक हिस्सों में कृषि उपज विपणन समितियां (एपीएमसी) बंद रहीं ।

झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में भी मिला-जुला असर दिखा। भाजपा शासित गोवा में मंगलवार सुबह बाजार खुले रहे और सार्वजनिक परिवहन भी सामान्य रहा। शैक्षणिक संस्थानों का कामकाज भी सामान्य है। बाजार खुले हैं और सार्वजनिक परिवहन भी अन्य दिनों की तरह सामान्य है।

असम में हजारों प्रदर्शनकारियों ने ‘भारत बंद’ में हिस्सा लिया। कांग्रेस और वाम दलों समेत 14 विपक्षी दलों और कई सामाजिक संगठनों ने बंद को समर्थन दिया है। हालांकि, राज्य में अधिकतर कार्यालयों में कामकाज सामान्य रहा। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया। राज्य में पेट्रोल पंपों के संघों द्वारा बंद को समर्थन देने के कारण तेल टैंकरों की आवाजाही बाधित रही। वहीं, हिमाचल प्रदेश में बंद का अधिक असर नहीं दिखा।