भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की याद में बनाए गए कलाम मेमोरियल में कलाम की मूर्ति के बगल में भगवद्गीता रखे जाने पर विवाद शुरू हो गया है। डॉ. कलाम के परिजनों सहित कई राजनीतिक पार्टियों ने मेमोरियल में वीणा बजाते हुए कलाम की मूर्ति और उसके पास भगवद्गीता रखे जाने पर विरोध दर्ज कराया है। आपको बता दें कि 27 जुलाई को कलाम की दूसरी पुण्यतिथि पर पीएम मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में कलाम मेमोरियल का उद्घाटन किया था। डॉ. कलाम के परिजनों का कहना है कि कलाम की प्रतिमा के पास सभी धर्मों के महान ग्रन्थों के अंश होने चाहिए। वहीं डीएमके नेता स्टालिन ने इस विवाद पर कहा है कि कलाम की प्रतिमा के पास गीता को दिखाकर मोदी सरकार ने सांप्रदायिकता थोपने की कोशिश की है।
Tamil Nadu: PM Modi unveiled a statue of Dr APJ Abdul Kalam and paid tribute to him at the memorial in Rameswaram pic.twitter.com/Lm6Hw8cWCX
— ANI (@ANI_news) July 27, 2017
वीसीके नेता तिरुमवलन ने तो गीता को हटवाने की मांग करते हुए ये तक कह दिया कि कलाम की प्रतिमा के पास गीता को जगह देकर कहीं कलाम को हिंदू धर्म के महान प्रेमी के रूप में तो पेश नहीं किया जा रहा है। इससे मुस्लिमों का भी अपमान हुआ है, इसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। एमडीएमके नेता वायको ने इस मुद्दे पर कहा है कि क्या गीता तिरुक्करल से ज्यादा महान ग्रन्थ है? हमें अच्छे से पता है कि बीजेपी इन तरीकों से क्या करना चाह रही है?’
Remembering a distinguished scientist, exemplary President and outstanding personality…PM @narendramodi at the memorial for Dr. Kalam. pic.twitter.com/0ZZ8Myx1LW
— PMO India (@PMOIndia) July 27, 2017
आपको बता दें कि कलाम मेमोरियल को बनाने में 15 करोड़ रुपये की लागत आई है और इसके लिये कलाम के गांव पीकारंबू में तमिलनाडु सरकार ने जमीन आवंटित की थी। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कलाम की लकड़ी से बनी एक प्रतिमा का भी अनावरण किया जिसमें वह वीणा बजाते हुये दिख रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति इस वाद्य यंत्र को बजाने में निपुण थे।

