कभी नीतीश कुमार को बिहार की सत्ता के शीर्ष पायदान तक पहुंचाने में मददगार रहे प्रशांत किशोर PK ने हुंकार भरते हुए कहा है कि बंगाल में लोकतंत्र को बचाने की सबसे बड़ी लड़ाई लड़ी जा रही है। उनका दावा है कि बंगाल के लोग अपना संदेश देने को तैयार हैं और सही कार्ड दिखाने के लिए दृढ़प्रतिज्ञ। PK यही पर नहीं रुके। उन्होंने कहा, 2 मई को मेरा पुराना ट्वीट याद दिला देना।

PK इस बार ममता बनर्जी के लिए रणनीति तैयार कर रहे हैं। हालांकि जब उन्हें टीएमसी के लिए काम करने का जिम्मा सौंपा गया तब पार्टी के कई नेताओं ने नाराजगी भी जताई। अलबत्ता, ममता का विश्वास उन पर लगातार बना हुआ है। उनकी निगरानी में पार्टी अपने हथियारों को तराश रही है। इससे पहले PK दावा कर चुके हैं कि बीजेपी बंगाल में दोहरे अंक तक नहीं पहुंचेगी। यानि बीजेपी के लिए 10 का आंकड़ा छूना उनके लिए मुश्किल है।

ध्यान रहे कि कुछ अर्सा पहले PK के बिहार स्थित घर पर तोड़फोड़ भी कराई गई थी। तब कहा गया था कि ममता के साथ जाने पर उनके घर पर सरकार ने तोड़फोड़ की कार्रवाई कराई थी। हालांकि PK ने इस पर अपनी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी थी।

2016 असेंबली चुनाव में बीजेपी को यहां 3 सीटें मिली थीं। बंगाल में विधानसभा की 294 सीटें है। पिछले चुनाव में टीएमसी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 211 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दूसरे नंबर पर कांग्रेस का था। उसे 44 सीटें मिली थीं। टीएमसी के लिए चिंता का विषय 2019 के लोकसभा चुनाव का परिणाम है। तब बीजेपी ने भौचक करने वाला प्रदर्शन कर 18 सीटों पर जीत हासिल की थी। ममता की टीएमसी 34 से 22 सीटों पर सिमट गई थी।

गौरतलब है कि बंगाल चुनाव को लेकर बीजेपी और टीएमसी के बीच कड़ी जद्दोजहद चल रही है। दोनों एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका जाया नहीं कर रहे हैं। बीते दिन चुनाव की तारीखों का ऐलान हुआ तो ममता ने बंगाल में 8 चरणों में चुनाव कराए जाने को लेकर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बीजेपी के कहने पर ऐसा किया गया है। उधर, मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने तारीखों का ऐलान करते हुए बताया था कि कानून-व्यवस्था समेत तमाम फैक्टर्स को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है।