पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और TMC चीफ ममता बनर्जी मंगलवार को भतीजे अभिषेक बनर्जी के घर पहुंचीं। दीदी सुबह साढ़े 11 बजे वहां पहुंचीं और करीब पांच मिनट ठहरीं। वह इसके बाद अभिषेक की बेटी को वहां से साथ लेकर चली गईं। हालांकि, ममता बनर्जी का यह दौरा बेहद ही शांत रहा। उन्होंने बाहर किसी से बातचीत नहीं की। वह जब रुजिरा के घर से बाहर आई थीं, तब बच्ची (अभिषेक की बेटी) के हाथ में एक किताब थी।

दरअसल, कोल स्मगलिंग केस में उनकी बहू (अभिषेक की पत्नी रुजिरा) का नाम आया है। सीबीआई टीम को उनसे पूछताछ करनी थी। सीएम के वहां से निकलने के कुछ ही मिनटों बाद सीबीआई टीम वहां पूछताछ के लिए पहुंच गई। ममता बनर्जी का अभिषेक के घर जाने का पहले से कोई तय कार्यक्रम नहीं था।  गौरतलब है कि अभिषेक बनर्जी की पत्नी से सीबीआई की तरफ से मंगलवार को पूछताछ होनी है। अभिषेक की पत्नी को रविवार को जांच एजेंसी की तरफ से समन जारी किया गया था। इस मामले में उनकी पत्नी की बहन मेनका से भी पूछताछ की जा रही है।

राजनीतिक जानकारों की मानें तो ममता ने परिवार पर संकट की घड़ी में इस दौरे से संदेश देने की कोशिश की कि वह फैमिली पर आंच आने पर उनके (घर वालों) साथ खड़ी रहेंगी। बता दें कि रुजिरा के घर से लगभग दो मिनट की दूरी पर ममता का आवास है।

क्या है कोल स्मगलिंग केस? बंगाल के आसनसोल और रानीगंज क्षेत्र में कोयले के कई खदान हैं। पिछले साल ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) के अधिकारियों को शिकायत मिली थी कि इस क्षेत्र में भारी मात्रा में कोयले की अवैध खनन हो रही है। जिससे कंपनी को करोड़ों का नुकसान हो रहा है। जिसके बाद इसकी जांच सीबीआई को दी गयी थी। सीबीआई की तरफ से दर्ज किए गए एफआईआर में 6 लोगों के नाम दर्ज किए गए थे। इस मामले का मुख्य आरोपी अनूप मांझी उर्फ लाला है।

अनूप मांझी उर्फ लाला को कोयलांचल में कोयला तस्करी गिरोह का प्रमुख माना जाता है। अभी तक उसकी गिरफ्तारी नही हुई है। इस मामले में कुछ दिन पहले सीबीआई ने विनय मिश्र को गिरफ्तार किया था जिसे अभिषेक बनर्जी का करीबी माना जाता है।