पश्चिम बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने हाल ही में एक विवादित बयान दिया। घोष ने बंगाल में युवाओं से अपील करते हुए कहा कि हिंदुओं को रक्षा के लिए हथियार उठा लेना चाहिए। घोष जो कि अक्सर ऐसे बयानों के लिए जाने जाते हैं, ने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो हथियार उठाने से परहेज करने की जरूरत नहीं है। घोष ने यहां तक कि कहा कि देश का संविधान धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाने की इजाजत देता है। इसी मु्द्दे पर जी न्यूज पर एक डिबेट में सवाल पूछे जाने पर दिलीप घोष ने सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया और माइक उतारकर चल दिए। उन्होंने एंकर से कहा कि मुझे दोबारा डिबेट में मत बुलाना।
गौरतलब है कि घोष नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को लेकर भी बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि सेन जैसे लोगों को बोलना नहीं चाहिए क्योंकि उन्होंने तीन औरतों से शादी की है। वो भी अलग-अलग धर्मों की। सेन कभी देश में नहीं रहे उन्हें बंगाल को लेकर कुछ कहने का हक नहीं है।
घोष के बयान को लेकर हो रही डिबेट में टीएमसी नेता सुजाता खान ने कहा कि दिलीप घोष बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष होकर कहते हैं कि हथियार उठाओ। जो लोग हिंसा कर रहे हैं उनमें और दिलीप घोष में कोई फर्क नहीं है। दिलीप घोष लोगों को हथियार उठाने और हिंसा करने के लिए उकसा रहे हैं।
इसी दौरान जब दिलीप घोष से एंकर ने पूछा कि क्या आप अपने बयान को लेकर माफी मांगने चाहेंगे या सफाई देना चाहेंगे। इसके बाद दिलीप घोष ने माइक उतार दिया और कहा कि सवाल का जवाब नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि आप लोग दोबारा मत बुलाना।
डिबेट में घोष का बचाव करते हुए संगीत रागी ने कहा कि आपको इस बात से आपत्ति है कि हिंदुओं अपनी सुरक्षा के लिए हथियार उठा लो। एक धर्म कहता है कि अपने धर्म के प्रचार के लिए काफिरों के खिलाफ हथियार उठाओ। आपने कभी इस बात पर डिबेट तो नहीं कराई। कट्टर इस्लाम और वामपंथ दोनों मानवता के दुश्मन हैं। इस पर एंकर ने संगीत रागी से पूछा कि क्या कोई कट्टरता का कॉम्पीटीशन चल रहा है।
जिसका जवाब देते हुए संगीत रागी ने कहा कि आज बांग्लादेश से सीमा लगने वाले जिलों से हिंदुओं को भगाया जा रहा है। संगीत रागी ने कहा कि दिलीप घोष ने आत्मरक्षा के लिए हथियार उठाने की बात कही है।