गुरुवार को पश्चिम बंगाल और असम विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान होगा। कल दोनों राज्यों की कुल 69 सीटों के लिए वोटिंग की जाएगी। खास बात ये कि जहां बंगाल का चुनाव भीतरी और बाहरी पर आ टिका है वहीं असम चुनाव की बहस सीएए और एनआरसी के इर्दगिर्द है।
असम में जहां बीजेपी राज्य में किए अपने विकास कार्यों को गिनाने में नहीं थक रही है वहीं बंगाल में पार्टी सीएम ममता के नेतृत्व वाली टीएमसी सरकार पर लगातार हमलावर है और भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। इस बीच सबकी निगाहें पश्चिम बंगाल की नंदीग्राम सीट पर टिकी रहेंगी जहां सीएम ममता और बीजेपी के सुवेंदु अधिकारी के बीच कड़ी टक्कर है। बंगाल में कल 30 सीटों के लिए वोट डाला जाएगा। बंगाल में पहले चरण में 84.63 फीसद मतदान हुआ था वहीं असम में पहले फेज में 79.97 प्रतिशत मतदान किया गया। बंगाल में आठ चरणों में चुनाव आयोजित किए जा रहे हैं। चुनाव आयोग ने बड़ी संख्या में राज्य में सुरक्षा बलों की कंपनियों को तैनात किया है।
गौरतलब है कि बंगाल में जिन बूथों पर कल मतदान होगा उनको पहले से ही आयोग ने संवेदनशील घोषित किया हुआ है। राज्य में कल सुरक्षा बलों की 651 कंपनियां सुरक्षा का कार्यभार संभालेंगी।
बंगाल की जनता कल 171 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेगी। कुल 75,94,549 मतदाता 10,620 मतदान केंद्रों पर वोट डालेंगे।
असम में बीजेपी दूसरे चरण में 34 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसके सहयोगी दल एजीपी और यूपीपीएल छह और तीन सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। भगवा पार्टी का दो सीटों पर एजीपी और यूपीपीएल के साथ दोस्ताना मुकाबला होगा।
वहीं, कांग्रेस 27 सीटों पर, AIUDF आठ पर और BPF चार सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं। नवगठित असम जनता परिषद 17 सीटों पर चुनाव लड़ रही है।
बीजेपी बंगाल चुनाव में अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहेगी। पार्टी सीएम ममता पर तुष्टीकरण के आरोप लगाती आई है। पार्टी ने आरोप लगाया कि सीएम ममता ने राज्य में केंद्र की योजनाओं को लागू होने से रोके रखा। वहीं असम चुनाव में सीएए और एनआरसी को पार्टियों ने मुद्दा बनाया हुआ है।