राज्यसभा के उपसभापति चुनाव ने पहले विपक्ष को बड़ी सफलता हाथ लगी है। सोमवार यानी 6 अगस्त को लोक लेखा समिति (पीएसी) का चुनाव हुआ, जिसमें टीडीपी सांसद सीएम रमेश ने जीत हासिल की। इस चुनाव में नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) के उम्मीदवार काफी पीछे छूट गए। राज्यसभा में विपक्ष ने एकजुटता दिखाते हुए टीडीपी सांसद को जीत दिलवाई। टीडीपी सांसद सीएम रमेश को कांग्रेस, टीएमसी, एनसीपी, सपा, बसपा और अन्य दलों ने समर्थन दिया। राज्यसभा में एनडीए के 89 सांसद हैं, जिनमें से 73 सांसद बीजेपी के हैं। वहीं यूपीए के 57 सांसद हैं, जिनमें से कांग्रेस के 50 सांसद हैं।
एनडीए के साथ कुछ महीनों पहले ही गठबंधन तोड़ने वाली टीडीपी के राज्यसभा में 6 सासंद हैं। वहीं बीएसपी, एनसीपी जैसी एंटी-बीजेपी पार्टियों के राज्यसभा में 4-4 सांसद हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी (आप) के तीन और सीपीएम पांच सदस्य हैं। समाजवादी पार्टी और टीएमसी के 13-13 सदस्य हैं। पीएसी चुनाव में एनडीए को हराने के लिए पूरा विपक्ष एकजुट हुआ और अपर हाउस में 6 सदस्यों वाली पार्टी के उम्मीदवार को जिताया। सीएम रमेश पीएसी के लिए काफी मजबूत उम्मीदवार थे। कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों ने अपने सांसदों को निर्देश दिया था कि वे सोमवार के दिन सदन में ही मौजूद रहें।
क्या है पीएसी?
पीएसी यानी पब्लिक अकाउंट्स कमिटी, यह संसद के कुछ चयनित सांसदों की कमिटी है। इसमें कुल 22 सांसद होते हैं, जिनमें से 15 लोकसभा सांसद और 7 राज्यसभा सांसद होते हैं। इस समिति के सदस्यों का कार्यकाल एक साल का होता है। यह समिति भारत सरकार के राजस्व और व्यय की जांच करती है।
9 अगस्त को उपसभापति के लिए चुनाव
जहां एक तरफ पीएसी चुनाव में विपक्ष को सफलता मिली है तो अब उसका लक्ष्य 9 अगस्त को होने वाले राज्यसभा के उपसभापति के चुनाव पर है। राज्यसभा के सभापति और राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आज ऐलान करते हुए कहा कि उपसभापति का चुनाव 9 अगस्त को 11 बजे होगा। नॉमिनेशन पेपर्स आठ अगस्त की दोपहर से पहले भरने होंगे। पूर्व उपसभापति जेपी कुरियन इस साल जून में रिटायर हो गए थे, उसके बाद से ही यह पद खाली था।

