Humayun Kabir News: जनता उन्नयन पार्टी के संस्थापक और बाबरी जैसी मस्जिद की नींव रखने वाले हुमायूं कबीर ने बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 के लिए बालीगंज सीट से पार्टी की घोषित उम्मीदवार निशा चटर्जी का नाम हटा दिया है। कबीर ने निशा चटर्जी की कथित अनुचित सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला दिया। कबीर ने कहा कि बालीगंज में 49% मुस्लिम हैं, वहां मुस्लिम पुलिस अधिकारी हसन को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।

वहीं दूसरी तरफ निशा चटर्जी ने कबीर पर अपनी सार्वजनिक छवि को धूमिल करने का आरोप लगाते हुए उन्हें अदालत में घसीटने की धमकी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि कबीर का नए धर्मनिरपेक्ष दल का वादा एक ढोंग है। निशा चटर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा, “जून में जब कबीर ने पिकनिक गार्डन में मेरा कैफे खोला था, तब से मैं उनके संपर्क में हूं। उन्होंने मुझे बताया था कि वह एक धर्मनिरपेक्ष पार्टी बनाएंगे जिसमें किसी भी धार्मिक पृष्ठभूमि के लोग शामिल हो सकते हैं।”

हुमायूं कबीर ने क्या कहा?

चटर्जी के साथ कबीर ने सोमवार को एक रैली से इन्फ्लुएंसर को अपनी पार्टी की ओर से बल्लीगंज से उम्मीदवार घोषित किया था। मंगलवार को न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए हुमायूं कबीर ने कहा कि बालीगंज क्षेत्र में मुस्लिम आबादी करीब 49 प्रतिशत है। इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने वहां से मुस्लिम पुलिस अधिकारी हसन को पार्टी का उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उम्मीदवारों की घोषणा चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

उन्होंने ने एक वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए कहा कि निश्चा को उम्मीदवार इसलिए नहीं बनाया गया क्योंकि उस वीडियो से पार्टी की छवि खराब हो रही थी। उन्होंने इस आरोप को खारिज किया कि निश्चा को धर्म के आधार पर हटाया गया। कबीर ने कहा, “मैंने निश्चा को हिंदू होने की वजह से नहीं हटाया। हमारी पार्टी में कई हिंदू उम्मीदवार होंगे और यह आगे दिखाई देगा।”

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कबीर ने मेरी सार्वजनिक तौर पर बदनामी क्यों की- निशा चटर्जी

निशा चटर्जी ने आगे कहा, “मैं पहले बहुत सामाजिक कार्य करती थी और मुझे लगा कि लोगों की सेवा करने के लिए यह मेरे लिए सही मंच होगा। उन्होंने मुझे 22 दिसंबर के कार्यक्रम में आमंत्रित किया और कहा कि मुझे पार्टी की राज्य समिति का सदस्य बनाया जाएगा। मुझे बिल्कुल भी पता नहीं था कि वह मेरा नाम उम्मीदवार के रूप में घोषित करने वाले हैं। मुझे यह जानकर बहुत हैरानी हुई कि 24 घंटे के अंदर ही उन्हें मेरे सोशल मीडिया पोस्ट अश्लील कैसे लगे। उन्हें यह बताना होगा कि उन्होंने सार्वजनिक रूप से मेरी बदनामी क्यों की। उन्होंने आगे कहा कि वह विधानसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने पर विचार कर सकती हैं।”

उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “मुझे इसलिए पार्टी से निकाल दिया गया क्योंकि मैं हिंदू हूं। अगर उनकी पार्टी धर्मनिरपेक्ष होती, तो क्या ऐसा होता? मैंने उनकी बाबरी मस्जिद योजना का समर्थन किया था। तो फिर उन्होंने मेरे साथ ऐसा क्यों किया।”

निशा चटर्जी ने कहा, “मेरे सोशल मीडिया पर कबीर से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। उन्हें अपनी पार्टी का प्रचार करना था, इसलिए उन्होंने मुझे अपने साथ लिया। सुबह के समय उन्हें मेरी पोस्ट से कोई दिक्कत नहीं होती, लेकिन शाम को उन्हीं पोस्ट को वे अश्लील समझने लगते हैं। मैं एक इन्फ्लुएंसर हूं। मैं इसी से अपनी रोजी-रोटी कमाती हूं। कोई भी मेरी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाकर यूं ही नहीं जा सकता।”

कबीर की पार्टी धर्मनिरपेक्ष नहीं- निशा चटर्जी

चटर्जी ने कहा कहा, “उन्होंने कहा कि वे इस सीट से मुस्लिम उम्मीदवार की घोषणा करेंगे, जिसका मतलब है कि उनकी पार्टी धर्मनिरपेक्ष नहीं है। वे हिंदू और मुसलमानों के बीच फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं। मैं एक हिंदू परिवार से हूं। वे मेरे खिलाफ ऐसी बात कैसे कह सकते हैं? मेरे माता-पिता मेरा नाम उम्मीदवार के रूप में सुनकर खुश नहीं थे, लेकिन ये बातें उनके और मेरे लिए और भी शर्मनाक हैं।” उन्होंने आगे कहा कि उन्होंने मानहानि का मुकदमा दायर करने के लिए वकीलों से सलाह लेना शुरू कर दिया है।

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