Jammu-Kashmir News: जम्मू-कश्मीर के बारामूला के मुख्य शिक्षा अधिकारी यानी सीईओ द्वारा एक वॉर्निंग जारी की गई थी। इसमें चेतावनी दी गई थी कि यदि कोई कर्मचारी नीतिगत मामलों पर सोशल मीडिया पोस्ट करता है, तो उसके खिलाफ एक्शन हो सकता है। उनकी इस चेतावनी को लेकर राज्य सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया है।
शिक्षा विभाग के अधिकार बशीर अहमद शाह ने वॉर्निंग जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि कर्मचारी अगर सोशल मीडिया पर सरकार या विभागीय आलोचना करते हैं, तो इसके चलते उसका वेतन रोका जा सकता है। इसके अलावा समय से पहले रिटायर भी किया जा सकता है और शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया जा सकता है।
शिक्षा निदेशालय ने लिया एक्शन
इस मामले में शिक्षा सचिव राम निवास शर्मा ने एक आदेश में सीईओ बशीर अहमद शाह को जांच लंबित रहने तक कश्मीर के शिक्षा निदेशालय में अटैच कर दिया है। संयोग से अपने परिपत्र में शाह ने शर्मा द्वारा आयोजित एक समीक्षा बैठक का उल्लेख किया था जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग पर चर्चा की गई थी।
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सचिव की बैठक का किया उल्लेख
ध्यान देने वाली बात यह भी है कि बशीर अहमद शाह ने राम निवास शर्मा द्वारा आयोजित एक समीक्षा बैठक का उल्लेख किया था जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग पर चर्चा की गई थी। सीईओ शाह द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि 3 अक्टूबर को आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान, स्कूल शिक्षा, जम्मू-कश्मीर के योग्य सचिव ने बताया कि विभाग के शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के दुरुपयोग के विभिन्न मामले उनके संज्ञान में लाए गए हैं जिससे विभाग के नीतिगत मामलों में हस्तक्षेप करने का सुझाव दिया गया है।
इसमें कहा गया है कि बैठक के दौरान अध्यक्ष ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे ऐसे किसी भी उल्लंघन को प्रशासन के ध्यान में अवश्य लाएं ताकि जिम्मेदारी तय की जा सके और सरकारी निर्देशों के तहत कार्रवाई की जा सके।