बांग्लादेश के हालातों जदयू नेता केसी त्यागी ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि वहां कि स्थिति भारत के लिए चिंताजनक है। अब बांग्लादेश में जिन लोगों के हाथ में सत्ता आई है, वे खतरनाक हैं।
केसी त्यागी ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा,”बांग्लादेश का बदलाव भारत को चिंतित करने वाला है। भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था काफी समृद्ध है लेकिन उनके खिलाफ जिस तरह से विद्रोह हुआ है और जिन ताकतों के हाथ में सत्ता आई है, वो खतरनाक लोग हैं।”
विपक्षी दलों द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर उन्होंने कहा कि उनके सवाल बेमतलब, बेनतीजा हैं। भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक व्यवस्था पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार, अफगानिस्तान से भिन्न है।
फारुक अब्दुल्ला बोले- बांग्लादेश की स्थित पर नजर रखे भारत
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा कि भारत को पड़ोसी देश बांग्लादेश में हो रहे घटनाक्रम को लेकर बहुत सावधान रहना चाहिए और वहां के हालातों पर बहुत बारीकी से नजर रखनी चाहिए।
उन्होंने ने कहा कि सभी तानाशाहों को याद रखना चाहिए कि उन्हें भी “बांग्लादेश जैसी ही परिस्थितियों का सामना करना पड़ेगा।”
शेख हसीना से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा, “अब ईस्टर्न फ्रंट खुल गया है। हमें बेहद सावधान रहना चाहिए और स्थिति पर बहुत बारीकी से नजर रखनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि यह समस्या सुलझ जाएगी, मुझे उम्मीद है कि वे इस संकट से उबर जाएंगे और हमारे देश के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखेंगे।”
रवनीत सिंह बिट्टू ने गुरुद्वारों, मंदिरों की सुरक्षा की अपील की
मोदी सरकार में मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बांग्लादेश में स्थित सिख धर्मस्थलों और हिंदू मंदिरों पर हमलों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से एक पत्र के जरिए कहा कि बांग्लादेश में सिखों की आबादी बहुत कम है और कुछ भारत विरोधी तत्व धार्मिक स्थलों पर उपद्रव मचा रहे हैं, इसलिए सिख समुदाय बांग्लादेश में स्थित गुरुद्वारों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है।
उन्होंने कहा, “मैं आपसे आग्रह करता हूं कि ढाका स्थित ऐतिहासिक सिख मंदिरों जैसे गुरुद्वारा नानक शाही और गुरुद्वारा संगत टोला के साथ-साथ हिंदू मंदिरों की रक्षा के लिए सेना या बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ इस मुद्दे को उठाएं।” उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव जी और गुरु तेग बहादुर साहिब ढाका गए थे और ये गुरुद्वारे उनकी याद में बनाए गए थे।