बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुई हिंसा के बाद हिंदू संत चिन्मय दास सुर्खियों में हैं। इस बीच उनके वकील रबींद्र घोष इलाज के लिए भारत आए हुए हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता अर्जुन सिंह ने मंगलवार को चिन्मय कृष्ण दास का बचाव कर रहे बांग्लादेशी वकील रबींद्र घोष से मुलाकात की। उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए खड़े होने के प्रयासों के लिए रबींद्र घोष को सम्मानित भी किया। बैठक में हिंदू साधु कार्तिक महाराज मौजूद थे। यह बैठक बैरकपुर इलाके में रबींद्र घोष के बेटे के आवास पर हुई।

बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच के अध्यक्ष हैं रबींद्र घोष

रबींद्र घोष बांग्लादेश माइनॉरिटी वॉच के अध्यक्ष भी हैं और वह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के बारे में मुखर रहे हैं। चिन्मय कृष्ण दास का बचाव करने के लिए उन्हें धमकियों का सामना करना पड़ा है। अर्जुन सिंह ने बैठक के बाद कहा, “बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के लिए न्याय की लड़ाई में हम रबींद्र घोष के साहस की सराहना करते हैं। उनके जीवन को खतरे के बावजूद उनके अथक प्रयास हमें प्रेरित करते हैं।”

कार्तिक महाराज ने अर्जुन सिंह की बातों को दोहराया और पीड़ित समुदायों के अधिकारों के लिए खड़े होने के महत्व पर जोर दिया। कार्तिक महाराज ने कहा, “न्याय के प्रति रबींद्र घोष की प्रतिबद्धता मानवता की सच्ची भावना को दर्शाती है। इस उद्देश्य में उनका समर्थन करना हमारा कर्तव्य है।” रबींद्र घोष ने इसके लिए आभार व्यक्त किया और अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

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रबींद्र घोष ने जताई ख़ुशी

रबींद्र घोष ने कहा, “इस तरह का समर्थन पाकर खुशी हो रही है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति गंभीर है और मैं अन्याय के खिलाफ लड़ना जारी रखूंगा।” वकील रबींद्र घोष ने मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली मौजूदा अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की बिगड़ती स्थिति का भी जिक्र किया।

रबींद्र घोष ने आगे कहा, “कट्टरपंथियों और हिंसा पर अंतरिम प्रशासन की चुप्पी चिंताजनक है। यह न्याय का मखौल है।” इस महीने की शुरुआत में बांग्लादेश सम्मिलिता सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया था।

रबींद्र घोष ने आरोप लगाया था कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय को एकजुट करने के प्रयासों के लिए चिन्मय दास पर झूठे आरोप लगाए गए थे। बांग्लादेश में रबींद्र घोष के एनजीओ समेत मानवाधिकार समूहों ने हाल के महीनों में हिंदुओं को निशाना बनाकर हिंसा, जमीन पर कब्जा और जबरन धर्मांतरण के कई मामले दर्ज किए हैं। पढ़ें क्यों बांग्लादेशी हिंदुओं के समर्थन वाला बैग लेकर संसद पहुंचीं प्रियंका गांधी