Bandhavgarh Elephant Deaths: मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व 10 हाथियों की मौत के मामले में अब सरकार द्वारा समीक्षा बैठक की गई। वन्यजीव अधिकारियों द्वारा संकट से निपटने के तरीके पर सवाल उठाए गए हैं। यह बात सामने आई कि फील्ड डायरेक्टर ने आपातकाल के दौरान कथित तौर पर छुट्टी से वापस आने से इनकार कर दिया था और सारी जिम्मेदारी उप वन मंडल अधिकारी ने अपने अधीन्थ को जिम्मदारी दे दी थी, जिसके चलते अब उनके खिलाफ एक्शन लिया गया है।
मध्य प्रदेश वन विभाग के सचिव अतुल कुमार मिश्रा ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के वन संरक्षक और क्षेत्र संचालक गौरव चौधरी और पनपथा रेंज के सहायक वन संरक्षक और उप वन मंडल अधिकारी फतेह सिंह निनामा के निलंबन आदेश जारी किया है।
छुट्टी से नहीं आए वापस और फोन भी स्विच ऑफ
आदेश में कहा गया है कि 2010 बैच के IFS अधिकारी चौधरी ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) और मुख्य वन्यजीव वार्डन, मध्य प्रदेश द्वारा सूचित किए जाने के बावजूद छुट्टी से वापस न आकर अखिल भारतीय सेवा (आचरण) नियम, 1968 के नियम 3 का उल्लंघन किया है और अपना मोबाइल फोन बंद रखा है, जिससे वरिष्ठ निर्देशों की अवहेलना और आधिकारिक कर्तव्यों की उपेक्षा हुई है।
आदेश में कहा गया है कि निनामा मामले की जांच के दौरान समय पर और सक्षम नेतृत्व प्रदान करने में विफल रहे और अपनी जिम्मेदारी दूसरों को दे दी।
हाथियों की लड़ाई में 2 लोगों की भी हुई थी मौत
एक्शन पर क्या बोले अधिकारी
अधिकारी निनामा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि उन्हें कड़ी मेहनत करने की सज़ा दी गई। मैं निलंबन से दुखी नहीं हूं, बल्कि हाथियों की मौतों से दुखी हूं… मैं तीन ज़ोन की देखरेख करता हूँ, जिसमें 70-80 गांव हैं। वे सभी कोदो उगाते हैं। क्या कर्मचारी हर जगह हाथियों को ट्रैक कर सकते हैं? हमारे पास उन सभी को ट्रैक करने के लिए संसाधन नहीं हैं।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि क्षेत्र में हाथियों के बड़े झुंड का आना, अधिकारियों के लिए नया एक्सपीरियंस था, राज्य के पूर्वी हिस्से में बड़े झुंडों की आवाजाही पर क्षेत्र निदेशकों सहित सभी अधिकारियों को सतर्क रहने की जरूरत है।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि इतनी बड़ी घटना के बाद भी फील्ड डायरेक्टर छुट्टी से वापस नहीं आए। इलाके में बड़े झुंडों की आवाजाही से निपटने में भी उनकी ओर से लापरवाही बरती गई है।
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CM बोले – वन विभाग कर रहा नई नीतियों पर काम
हाथियों की मौत के कारणों के बारे में पूछे जाने पर यादव ने कहा कि फसलों पर कीटनाशकों के इस्तेमाल के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं मिली है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट दो-तीन दिन में हमें भेज दी जाएगी। सरकार ने राज्य में हाथियों से निपटने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। वन विभाग हाथियों से निपटने के लिए वन अधिकारियों को सक्षम बनाने के लिए रणनीति बनाने हेतु एक हाथी टास्क फोर्स बनाने पर विचार कर रहा है।
सरकार एक नीति लाने की योजना बना रही है, जिसमें केरल, असम और कर्नाटक के विशेषज्ञ, जहां हाथियों की अच्छी खासी आबादी है, स्थानीय अधिकारियों को सर्वोत्तम तरीकों के बारे में सलाह देंगे।