Non-Hindus Ban in Kedarnath: चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले केदारनाथ में गैर हिंदुओं की एंट्री बैन का मुद्दा उठ गया है। इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के भी अलग-अलग बयान आ रहे हैं। इसी कड़ी में केदारनाथ से विधायक आशा नौटियाल ने मांग की है कि गैर-हिंदुओं को इस क्षेत्र से बैन किया जाना चाहिए। उनका आरोप है कि वे स्थानीय लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली प्रथाओं में लिप्त होकर आस्था को बदनाम कर रहे हैं। इस बयान पर सियासत भी देखने को मिल रही है। कांग्रेस पार्टी ने इस बयान को पद का अपमान करार दिया है।
रविवार को मीडिया से बातचीत करते हुए भारतीय जनता पार्टी की विधायक आशा नौटियाल ने कहा, ‘मैंने स्थानीय लोगों के साथ एक बैठक की और उन्होंने मुझे बताया कि गैर-हिंदू वहां धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं। दुनिया भर से लोग बाबा केदार की पूजा करने जाते हैं, इसलिए गैर-हिंदुओं को वहां जाने से प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। स्थानीय व्यापारियों ने भी मांग की है कि ऐसी चीजों को हतोत्साहित किया जाना चाहिए।’
बीजेपी ने नौटियाल के बयान का समर्थन किया
बीजेपी के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने नौटियाल के बयान का समर्थन किया है। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘बीजेपी उनके बयान का समर्थन करती है क्योंकि यह हिंदू धर्म की भावनाओं से जुड़ा है। सनातन धर्म में ये चार तीर्थस्थल महत्वपूर्ण हैं और हर साल लाखों की संख्या में लोग यहां तीर्थयात्रा करते हैं।’ चौहान ने कहा कि क्षेत्र के व्यापारियों ने आरोप लगाया है कि केदारनाथ में शराब और मांस बेचा जाता है। उन्होंने कहा, ‘पिछले कुछ सालों में मुसलमानों द्वारा उपद्रव मचाने और क्षेत्र में मांस बेचने की खबरें आई हैं। केदारनाथ के व्यापारियों ने इसे मुद्दा बनाया है। इस पवित्र धाम में इस तरह का कारोबार करना गलत है। अन्य व्यवसायों की आड़ में शराब की दुकानें भी हैं।’
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कांग्रेस पार्टी ने विधायक की आलोचना की
उत्तराखंड की आबकारी नीति के मुताबिक धार्मिक स्थलों के पास में शराब पूरी तरह से बैन है। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष करण महारा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक विधायक राजनीतिक फायदे के लिए इस तरह की बातें कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि किसी के धर्म के आधार पर गलत और सही का फैसला नहीं किया जा सकता। उन्होंने संविधान के तहत शपथ ली है और भारत एक ऐसा देश है जो कानून के सामने अपने सभी नागरिकों के साथ समान व्यवहार करता है। आपने कई आरोप लगाए हैं और आप विधायक हैं, इसलिए लोगों को ऐसे मामलों में शामिल होने से रोकने की कोशिश करें। सिर्फ अल्पसंख्यकों को ही क्यों निशाना बनाया जाए? हर नागरिक को एक नागरिक के तौर पर देखा जाना चाहिए।
2023 में केदारनाथ मंदिर के एक वरिष्ठ पुजारी ने आरोप लगाया कि गर्भगृह के अंदर का सोना पीतल में बदल गया है। उन्होंने दावा किया कि यह 125 करोड़ रुपये का घोटाला था। 2022 में, मंदिर के अंदर की दीवारों पर चांदी की परत को मुंबई के एक कारोबारी द्वारा दान किए गए सोने से बदल दिया गया। कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि मंदिर से गायब हुआ 233 किलो का सामान कहां है? इसकी कोई जांच नहीं हुई है। आशा नौटियाल ने इतने गंभीर मुद्दे पर अब तक क्यों नहीं बोला? MI-17 से छिटक कर मंदाकिनी नदी में गिरा क्षतिग्रस्त क्रिस्टल हेलीकॉप्टर