तेल मंत्रालय ने आने वाले सालों में इलेक्ट्रिक और गैस से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाने की सलाह दी है। मंत्रालय के एक पैनल ने एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें 2027 तक 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में डीजल से चलने वाले फोर व्हीलर पर प्रतिबंध लगाने को कहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 10 सालों में शहरी क्षेत्रों में डीजल बसों का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए। पैनल ने आने वाले सालों में डीजल की मांग में बढ़ोतरी को लेकर चिंता जताई है। ऐसे में पैनल ने सुझाव दिया है कि अगर अभी से इलेक्ट्रिक और गैस से चलने वाले वाहनों का इस्तेमाल बढाया जाए और डीजल वाले वाहनों का उपयोग कम किया जाए तो, इस मांग पर काबू पाया जा सकता है।
पूर्व ऑयल सेक्रेटरी तरुण कपूर की अध्यक्षता में पैनल ने यह रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें इंटरनल कंजप्शन इंजन वाली मोटरसाइकिल, स्कूटर और थ्री व्हीलर को 2035 तक चरणबद्ध तरीके से हटाने का भी सुझाव दिया गया है। इस साल फरवरी में पैनल ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। हालांकि, सरकार ने अभी तक रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया है।
रिपोर्ट में इथेनॉल-मिश्रित ईंधन के लिए नीति समर्थन देने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। पैनल ने कहा कि कारों और टैक्सियों समेत सभी फोर व्हीलर्स को इलेक्ट्रिक और इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल की लगभग 50 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ स्थानांतरित किया जाना चाहिए। साथ ही डीजल से चलने वाले वाहनों को जल्द से जल्द खत्म किया जा सकता है।
देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार को 31 मार्च के बाद फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक एंड हाइब्रिड व्हीकल्स स्कीम (FAME) के तहत दिए गए प्रोत्साहनों पर विचार करना चाहिए। पैनल ने अगले साल से सिर्फ बिजली से चलने वाले वाहनों के लिए नए पंजीकरण का समर्थन किया है और कार्गो की आवाजाही के लिए रेलवे और गैस से चलने वाले ट्रकों के अधिक उपयोग का सुझाव दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, 2040 तक देश में डीजल की मांग चरम पर पहुंच जाएगी। ऐसे में अगर इलेक्ट्रिक और गैस से चलने वाले वाहनों पर स्विच करना शुरू कर दिया जाए, तो इस मांग में गिरावट की उम्मीद है।