कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Elections) के लिए वोटिंग 10 मई को होगी। वहीं चुनाव प्रचार के दौरान बजरंग बली (Bajrang Dal) और बजरंग दल का मुद्दा छाया रहा। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में ऐलान किया कि सत्ता में आने पर वह पीएफआई, बजरंग दल समेत नफरत फैलाने वाले संगठनों पर बैन लगाएगी। वहीं इसके बाद ये मुद्दा पूरे देश में छा गया। वहीं अब वोटिंग से एक दिन पहले यानी आज विश्व हिंदू परिषद् और बजरंग दल पूरे देश में हनुमान चालीसा का पाठ करेगा।

बता दें कि बजरंग दल के अलावा विश्व हिंदू परिषद भी हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन करेगा। VHP के महासचिव मिलिंद परांडे ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “कांग्रेस और अन्य संगठनों और कार्यकर्ताओं को सद्बुद्धि देने के लिए हनुमान चालीसा के पाठ का ऐलान किया गया है। कांग्रेस आतंकवादियों, विरोधी ताकतों की वकालत और प्रचार करने के लिए खड़ी है।”

मिलिंड परांडे ने आगे कहा, “कांग्रेस ने कर्नाटक में अपने घोषणापत्र में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की बात कही है, जो बहुत ही शर्मनाक है। कांग्रेस के घोषणा पत्र के बाद राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कुछ हिंदू विरोधी नेताओं ने बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। बजरंग दल की तुलना राष्ट्र विरोधी, आतंकवादी हिंसक संगठन पीएफआई के साथ करना तर्कहीन है। हिंदू समाज इस अपमान के लिए लोकतांत्रिक रूप से सबक सिखाएगा।”

कांग्रेस के घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने के वायदे पर खूब हंगामा हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मुद्दे को उठाया और अपनी रैलियों में बजरंगबली की जय के नारे लगाए। जब से कांग्रेस ने मेनिफेस्टो जारी किया, उसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी हर एक रैली की शुरुआत बजरंग बली की जय के नारों के साथ की।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बजरंग दल पर बैन लगाने की बात को लेकर बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि छत्तीसगढ़ में सब कुछ सही है, हमने बजरंगियों को ठीक कर दिया है। कोई भी कानून व्यवस्था अपने हाथ में लेगा तो हम कार्यवाही करेंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि राज्य में बजरंग दल पर बैन लगाने पर अभी विचार नहीं किया गया है।