छतरपुर बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कुमार शास्त्री इन दिनों काफी चर्चाओं में हैं। इस बीच उन्होंने अपनी कमाई को लेकर बड़ा बयान दिया है। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि कोई फिक्स कमाई नहीं है, जितने सनातनी हैं उतनी कमाई है, हिसाब आप खुद लगा लीजिए।

हमारे पास करोड़ों सनातनियों का प्यार: धीरेंद्र शास्त्री

इंडिया टीवी पर एक इंटरव्यू के दौरान धीरेंद्र शास्त्री से सवाल किया गया कि आप कितना कमा लेते हैं। सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “हमारी तो कोई फिक्स कमाई नहीं है क्योंकि हमारी कोई कंपनी या बिजनेस नहीं है। कोई चढ़ा जाता है। हमारे पास करोड़ों सनातनियों का प्यार है। लाखों-करोड़ों लोगों की दुआएं हैं। हजारों संतों का हमारे पास आशीर्वाद है, इतनी हमारी कमाई है। जितने सनातनी उतनी कमाई, हिसाब आप लगा लीजिए।”

उन्होंने यह भी कहा, “कुछ लेना बुरा नहीं है, उपयोगिता बुरी है। लेकर उसका सदुपयोग या दुरुपयोग करते हैं। हम लेते हैं, कोई अगर देता है तो हम स्वीकार करते हैं गुरु के नाते। हम उस परंपरा से हैं, जहां अंगूठा भी दान में गुरु को दिया जाता है। हम भी लेते हैं।”

क्यों चर्चा में आए थे धीरेंद्र शास्त्री

धीरेंद्र शास्त्री कस्बों-शहरों में श्रीराम कथा के साथ अपना दिव्य चमत्कारी दरबार लगाते हैं। वे नागपुर में अपने श्रीराम चरित्र-चर्चा कार्यक्रम को लेकर सुर्खियों में आ गए थे। उनका यह कार्यक्रम 13 जनवरी को संपन्न होना था, लेकिन दो दिन पहले ही 11 जनवरी को ही कथा संपन्न हो गई। इसकी वजह अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति को बताया गया था। समिति ने धीरेंद्र शास्त्री पर जादू-टोने और अंधश्रद्धा फैलाने का आरोप लगाया था। समिति ने उन पर देव-धर्म के नाम पर आम लोगो को लूटने और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था।

समिति ने उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की भी मांग की थी। समिति का कहना था कि उन्होंने धीरेंद्र शास्त्री को दिव्य चमत्कारी दरबार लगाने का चैलेंज दिया था, लेकिन वे चमत्कारी दरबार लगाए बिना ही नागपुर से भाग गए। इस पर समिति ने धीरेंद्र शास्त्री का विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति का कहना था कि हमको दिव्य दरबार देखना था, जबकि पहले ही हम लोगों ने बता दिया था कि कथा 7 दिन की ही होगी। अब जब वहां से निकल आए तो कहावत हो गई कि “हाथी चले बाजार, कुत्ता भौंके हजार।”