बागेश्वर धाम सरकार पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की चर्चा हर तरफ है। उनका कोई न कोई बयान अक्सर लोगों के लिए उत्सुकता का केंद्र बन जाता है। उनकी गतिविधियां और उनके बारे में जानने की लोगों में काफी उत्सुकता रहती भी है। हाल ही में उन्होंने एबीपी न्यूज की एंकर रुबिका लियाकत (ABP News Anchor Rubika Liyaquat) को एक इंटरव्यू दिया तो उसमें अपनी मां की कई बातें शेयर कीं। उन्होंने बताया कि मां के लिए उनके मन में अपार श्रद्धा है। मां की बहुत याद आती है, लेकिन मां से बहुत कम मिल पाते हैं।

बचपन में मां के संघर्ष और त्याग को किया साझा

इंटरव्यू में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि उनकी मां उनको बहुत मानती हैं और उनका बहुत ख्याल रखती हैं। उन्होंने बचपन में उनको डांटा भी है और संघर्ष भी किया है। रामचरित मानस भी पढ़वाई। धीरेंद्र शास्त्री ने कहा है कि उनको आज भी बहुत दुख है कि इसी गांव में रहकर, समाज सेवा के कारण, गुरुसेवा के कारण मां से मिलने नहीं जा पाते हैं।

बताया कि मां जब मिलती हैं तब क्या देती हैं और क्या कहती हैं

शास्त्री ने बताया, “एक दो दिन में वो कभी कढ़ी बनाकर, कभी रोटी बनाकर, कभी अच्छी सी चाय बनाकर लाती हैं, कहती हैं ले बेटा खा, कम बोलना, गला बैठ जाएगा, आंखे बंदकर सोया कर।” धीरेंद्र ने कहा कि मां तो मां होती हैं। बेटा कितना भी बड़ा हो जाए, लेकिन मां के लिए तो वही ममता, वही वात्सल्य होता है।

धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि मां यूट्यूब आदि नहीं देखती हैं, सिर्फ टीवी देखती हैं। उन्हें यूट्यूब चलाना नहीं आता है। वह बहुत भोली हैं, बहुत सीधी हैं। हमारी मां आप यह नहीं कह सकती हैं कि अनपढ़ हैं लेकिन वह आपकी पढ़ाई नहीं पढ़ी हैं। हमारी मां दिल की पढ़ाई पढ़ी हैं। दिल की पढ़ाई बहुत अच्छी होती है।

उन्होंने बताया कि मां बचपन में बहुत डांट भी लगाई हैं। पिताजी भी डांट लगाते थे। तब आभास हुआ कि सिद्ध पुरुषों के भी माता-पिता होते हैं। कहा कि मां डांटते हुए कहती हैं कि सोया करो, बहुत कम बोला करो, भोजन टाइम पर किया करो, सेवा तो चलती रहेगी। कहा कि यह तो हमारी परंपरा की सेवा है, हमारे पिताजी भी यह करते थे, दादा जी भी यही करते थे। सेवा करना, दरबार लगाना आदि।