22 अप्रैल को गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा की शुरूआत हुई थी। इसके बाद 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम तथा 27 अप्रैल को बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ उत्तराखंड के चारों धामों की यात्रा विधिवत रूप से शुरू हो गई थी।

परंतु मौसम की मार के आगे चारधाम यात्रा को लेकर प्रशासन के सभी इंतजाम धरे के धरे रह गए।तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने केदारनाथ और अन्य धामों में हो रही बर्फबारी और भारी बारिश के चलते श्रद्धालुओं को जगह-जगह सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया। वहीं प्रशासन ने केदारनाथ धाम जा रहे करीब दस हजार श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर रोक दिया।

तीर्थयात्रियों को सोनप्रयाग से ऊपर नहीं जाने दिया जा रहा है। रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि केदारनाथ धाम में मौसम के अत्यधिक खराब होने, भारी बर्फबारी होने के कारण तीर्थयात्रियों को केदारनाथ जाने से रोका गया है। केदारनाथ घाटी के तिलवाड़ा से फाटा तक करीब तीन हजार, सीतापुर से सोनप्रयाग तक छह हजार और गौरीकुंड में करीब एक हजार तीर्थयात्रियों को रोका गया है। सोमवार को करीब छह हजार श्रद्धालु केदारनाथ भेजे गए थे। जब मौसम बिगड़ गया तो श्रद्धालुओं की केदारनाथ धाम जाने पर रोक लगा दी गई। मौसम खुलने के बाद ही तीर्थयात्रियों को केदारनाथ धाम भेजा जाएगा।

गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के लिए पुलिस प्रशासन ने नई यातायात व्यवस्था लागू की है। जिसके तहत अब तीर्थयात्री रात आठ बजे तक ही दोनों धामों में मंदिर के दर्शन कर सकेंगे।उधर बदरीनाथ में भारी बारिश होने के कारण भूस्खलन के चलते नौ घंटे तक यात्रा रोक दी गई थी। जिस कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग में दस घंटे तक जाम लगा रहा। उधर राज्य सरकार ने बिगड़ते मौसम को देखते हुए तीर्थयात्रियों की सुरक्षा के लिए राज्य के तीन वरिष्ठ सचिवों की समिति बनाई है।

जिनमें ग्राम्य विकास सचिव डा बीवीआरसी पुरुषोत्तम को केदारनाथ धाम आपदा सचिव, रंजीत कुमार सिन्हा को हेमकुंड साहिब तथा विकास सचिव डा सुरेंद्र नारायण पांडेय को गंगोत्री और यमुनोत्री का नोडल अधिकारी नामित किया गया है। जो रोजाना जिला और राज्य स्तर पर संबंधित विभागों के अधिकारियों से तालमेल बैठाकर मुख्य सचिव को नियमित रूप से चारधाम यात्रा के बारे में अपनी रपट देंगे।

बद्री-केदार मंदिर समिति आनलाइन चंदे की कराएगी जांच

वहीं बदरी-केदार मंदिर समिति ने आनलाइन के माध्यम से मंदिर समिति को आने वाले चंदे की जांच कराने का फैसला किया है। 2017 में मंदिर समिति और पेटीएम के बीच आनलाइन चंदे को लेकर समझौता हुआ था। 2018 के बाद से आनलाइन चंदे का अता-पता नहीं है। मंदिर समिति ने बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में पेटीएम के लगे बारकोड को हटा दिया है। इस मामले में एक रपट भी दर्ज कराई गई है।

चारधाम यात्रा के लिए पुलिस ने शुरू किया आपरेशन मर्यादा

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने केदारनाथ धाम के गौरीकुंड और सोनप्रयाग क्षेत्र पहुंचकर यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया और पुलिस अधिकारियों को यात्रियों की सुविधा के लिए तात्कालिक सहायता के लिए आक्सीजन के सिलेंडरों की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं। चारों धामों सहित यात्रा पड़ावों की पवित्रता को बनाए रखने के लिए पुलिस महानिदेशक ने आपरेशन मर्यादा का शुभारंभ किया।

पांच मई तक बिगड़ा रहेगा मौसम का मिजाज

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों के साथ चारों धामों में मौसम विभाग ने पांच मई तक बर्फबारी और बारिश की चेतावनी दी है। राज्य सरकार को सलाह दी है कि चारधाम यात्रा में जाने वाले तीर्थयात्रियों की तादाद सीमित की जाए और तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर रोका जाए। मौसम विभाग ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को सजग रहने को कहा है। उधर, राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए राज्य सरकार ने सुरक्षा के सभी इंतजाम किए हैं।

अब तक चार लाख से ज्यादा श्रद्धालु कर चुके हैं दर्शन

केदारनाथ धाम में पिछले बीस दिनों से लगातार बारिश और बर्फबारी हो रही है। बद्री-केदार मंदिर समिति की केदारनाथ धाम शाखा के कार्याधिकारी रमेश चंद्र तिवारी का कहना है कि पिछले दो दिनों से तो केदारनाथ धाम में लगातार जमकर बर्फबारी और बारिश हो रही है, जिसके कारण मौसम बहुत ठंडा हो गया है।

बारिश और बर्फबारी के बीच सोमवार को करीब नौ हजार और आज मंगलवार को करीब बारह हजार तीर्थयात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन किए। 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद से अब तक आठ दिनों में एक लाख एक हजार तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के दर्शन कर चुके हैं। जबकि अब तक चारों धामों के चार लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं।

छह मई तक आनलाइन व हेलिकाप्टर की बुकिंग रद्द

छह मई तक चारधाम यात्रा की आनलाइन बुकिंग और हेलिकाप्टर की बुकिंग पर पाबंदी लगा दी गई है। अब तक करीब दस तीर्थयात्री बिगड़े मौसम के कारण स्वास्थ्य खराब होने से अपनी जान गंवा चुके हैं। अब तक 46 हजार तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य निरीक्षण हो चुका है। चारधाम यात्रा मार्ग पर जगह-जगह स्वास्थ्य एटीएम लगाए गए हैं।

पैदल यात्रा मार्ग में निर्धारित की गई घोड़ा-खच्चरों तादाद

केदारनाथ धाम की यात्रा के समय पहले सप्ताह में ही तीन घोड़ा-खच्चरों की मौत हो चुकी है। रुद्रप्रयाग के मुख्य चिकित्साधिकारी डा आशीष रावत ने बताया कि केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर नियमों का पालन नहीं करने के आरोप में 61 घोड़ा-खच्चर मालिकों का चालान किया गया है और तीन दर्जन घोड़ा-खच्चरों की हालत ठीक न होने के कारण उन्हें यात्रा से बाहर कर दिया गया है। वहीं चारधाम यात्रा मार्गों पर घोड़ा-खच्चरों की तादाद तय कर दी गई है। एक पशु मालिक को केवल दो घोड़ा-खच्चरों का संचालन करने की अनुमति होगी।

केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड से केदारनाथ तक 19 किलोमीटर के पैदल मार्ग में केवल पांच हजार घोड़ा-खच्चरों के संचालन की अनुमति होगी। वहीं हेमकुंड साहिब के लिए 15 किलोमीटर के पैदल मार्ग के लिए केवल 1050 घोड़ा-खच्चरों की तादाद निर्धारित की गई है। घोड़ा-खच्चरों के कान पर टैग लगाना अनिवार्य होगा।