Baba Siddique Murder: महाराष्ट्र में शनिवार को एक बड़ी वारदात हुई। शनिवार की देर रात मुंबई के बांद्रा ईस्ट में एनसीपी नेता बाबा सिद्दीकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। बाबा सिद्दीकी तीन बार विधायक रह चुके हैं और पहले की कांग्रेस सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। बाबा सिद्दीकी की गिनती महाराष्ट्र के बड़े नेताओं में होती है। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी कांग्रेस में गुजारी लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर एनसीपी (अजित पवार गुट) में शामिल हो गए थे।

महाराष्ट्र में 2 महीने के अंदर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में खासकर मुंबई शहर में बाबा सिद्दीकी की मजबूत पकड़ है। बाबा सिद्दीकी की मुस्लिम बहुल इलाकों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। वहीं बॉलीवुड के गलियारों में भी बाबा सिद्दीकी का दबदबा है। उनकी इफ्तार पार्टियां दुनिया भर में फेमस है, जिसमें हर बड़ा स्टार शामिल होता है। ऐसे में अब विपक्षी दल इस मामले को लेकर ध्रुवीकरण करने की कोशिश करेंगे।

अहम बात यह है कि बाबा सिद्दीकी का जन्म बिहार के गोपालगंज जिले में हुआ था लेकिन उन्हें मुंबई से ही पहचान मिली। बाबा सिद्दीकी ने 1977 में छात्र नेता के रूप में कांग्रेस से अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की थी। वह बीएमसी के लिए कॉरपोरेटर चुने गए थे। इसके बाद 1999, 2004 और 2009 में लगातार तीन बार विधायक चुने गए। 2004 में उन्हें मंत्री बनाया गया। बाबा सिद्दीकी के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जैसे ही उनकी मौत की खबर बिग बॉस की शूटिंग कर रहे सलमान खान को मिली, वह तुरंत शूटिंग छोड़कर लीलावती अस्पताल पहुंच गए।

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उत्तर भारतीय मुस्लिमों के बीच अच्छी पकड़

मुंबई में उत्तर भारतीयों का बोलबाला है। यहां पर बड़ी संख्या में उत्तर भारतीय रहते हैं। सबसे अहम बात यह है कि यूपी और बिहार से बड़ी संख्या में मुसलमान भी बांद्रा और आसपास के इलाकों में रहते हैं। कहा जाता है कि इन्होंने ही बाबा सिद्दीकी को सियासत में बड़ा नाम हासिल करने में मदद की।

बाबा सिद्दीकी की उत्तर भारतीय मुस्लिमों के बीच अच्छी पकड़ है। इसका फायदा केवल उन्हें ही नहीं बल्कि उनके दल को भी उसका फायदा मिलता है। बाबा 48 साल तक कांग्रेस में रहे और अब अजित पवार की एनसीपी में थे। बाबा सिद्दीकी के बेटे जीशान सिद्दीकी बांद्रा ईस्ट से विधायक हैं। वह कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे। लेकिन जब फरवरी 2024 में बाबा ने एनसीपी ज्वाइन की, उसके बाद अगस्त 2024 में कांग्रेस ने जीशान सिद्दीकी को पार्टी से निष्कासित कर दिया।

मुंबई की राजनीति में उत्तर भारतीय मुस्लिमों का दबदबा

मुंबई की राजनीति में उत्तर भारतीय मुस्लिमों का दबदबा माना जाता है। इसका अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि 2019 के विधानसभा चुनाव में महाराष्ट्र में 10 मुस्लिम विधायक जीते थे, जिसमें 6 विधायक मुंबई इलाके से आते हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मुंबई में कुल मुस्लिमों में उत्तर भारतीय मुसलमान की आबादी करीब 70 फ़ीसदी है। मुंबई की मानखुर्द शिवाजी नगर विधानसभा सीट, बांद्रा वेस्ट विधानसभा सीट, अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट मुस्लिम बहुल सीट हैं और यहां पर मुस्लिम उत्तर भारतीय नेताओं का दबदबा चलता है। अणुशक्ति नगर सीट से विधायक नवाब मलिक हैं, जो उत्तर प्रदेश से आते हैं। तो वहीं मानखुर्द शिवाजी नगर सीट से विधायक अबू आसिम आजमी हैं, जो समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं।