अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पाकिस्तान के कायदे-आजम मो. अली जिन्ना की तस्वीर टंगे होने पर उपजे विवाद पर अब बाबा रामदेव ने भी बयान दिया है। उन्होंने मुसलमानों को इस बारे में किसी प्रकार की चिंता न करने की बात कही है।बाबा रामदेव ने कहा-अब मुसलमान तो चित्रों और मूर्तियों में विश्वास नहीं रखते। उनको तो इस बारे में चिंता ही नहीं करनी चाहिए। जिन्ना भारत की अखंडता और एकता के लिए आदर्श तो हो नहीं सकता है, पाकिस्तान के लिए शायद हो सकता है।

दरअसल अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन में मो. अली जिन्ना की तस्वीर टंगे होने पर बीजेपी सांसद सतीश गौतम ने कुलपति को पत्र लिखकर हटाने की मांग की थी। जिसका छात्रसंघ पदाधिकारियों ने सड़क पर उतरकर विरोध किया। इस दौरान पुलिस को बलप्रयोग भी करना पड़ा। यह मामला बाद में राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गया। बीजेपी सांसद का कहना है कि मो. अली जिन्ना के चलते ही भारत का बंटवारा हुआ, ऐसे में देश में किसी भी स्थान पर उनकी मूर्ति लगाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। जिन्ना का स्थान भारत में नहीं हो सकता। जबकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रसंघ पदाधिकारियों का कहना है कि जिन्ना की यह तस्वीर आजादी के पहले की रही, जब उन्हें विश्वविद्यालय की ओर से आजीवन सदस्यता प्रदान की गई थी।

बता दें कि मुहम्मद अली जिन्ना को पाकिस्तान का संस्थापक माना जाता है। वे मुस्लिम लीग के नेता थे और बाद में पाकिस्तान के पहले गवर्नर जनरल बने। उन्हें पाकिस्तान में बाब-ए-कौम यानी राष्ट्रपिता और कायदे आजम(महान नेता) के रूप में भी जाना जाता है।23 दिसंबर 1876 को करांची में जन्मे जिन्ना ने इंग्लैंड से बैरिस्टर की डिग्री हासिल की थी, फिर मुंबई आकर कानूनी प्रैक्टिस करने लगे।1896 में जिन्ना कांग्रेस में शामिल हुए थे। 1920 में वे कांग्रेस से अलग हो गए, फिर उन्होंने 1928 के बाद मुसलमानों की राजनीति करनी शूरू की।1940 में उन्होंने धार्मिक आधार पर भारत के विभाजन और मुस्लिम बहुसंख्यक इलाकों को लेकर पाकिस्तान बनाने की मांग की। जिन्ना की मांग पर ही 1947 में भारत से अलग होकर पाकिस्तान का निर्माण हुआ। 1948 में जिन्ना की मौत हुई।