बाबा रामदेव ने साधुओं पर भारी-भरकम टैक्स लगाने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि बाबा इतना पैसा कहां से लाएगा। दरअसल, सराकर ने भक्ती चैनलों पर ज्यादा टेलीकास्ट टैक्स लगाने का फैसला किया है। उन्होंने सरकार के इस फैसले पर ऐतराज जताते हुए कहा कि सरकार हमलोगों से एक-एक लाख रुपये मांग रही है, एक बाबा इतने रुपये कहां से देगा। बाबा रामदेव आस्था मोबाइल एप्प को लांच करने के दौरान बुधवार (17 जनवरी) को टेलीकास्ट टैक्स पर अपना विरोध व्यक्त किया। सरकार के फैसले से आस्था, अरिहंत और ऐसे अन्य भक्ती एवं धार्मिक चैनलों को कर के तौर पर ज्यादा भुगतान करना होगा। बता दें कि योग गुरु से व्यवसायी बने बाबा रामदेव ने हजारों करोड़ रुपये मूल्य की पतंजलि कंपनी खड़ी कर दी है। पतंजलि बड़ी-बड़ी कंपनियों को चुनौती दे रही है।
बाबा रामदेव ने कहा, ‘सरकार हमलोगों से एक-एक लाख रुपये मांग रही है। हमलोगों ने उनसे साधु-संतों पर कर न थोपने का अनुरोध किया है। यदि लोग बाबा के बहस को लाइव देखना पसंद करेंगे तभी तो बाबा एक लाख रुपया दे पाएंगे। ऐसा न होने की स्थिति में बाबा को अपनी जेब से भुगतान करने होगा। सरकार आस्था और वैदिक जैसे चैनलों से कुल 32 करोड़ रुपये मांगे हैं। यह बहुत शर्मनाक है कि हमें धार्मिक विश्वास के नाम पर पैसा देना पड़े। मैंने इस सरकार से कभी भी ऐसे व्यवहार की कल्पना नहीं की थी।’ बाबा रामदेव को शुरुआत से ही नरेंद्र मोदी सरकार का समर्थक माना जाता रहा है। उन्होंने कहा, ‘अध्यात्मिकता के प्रचार-प्रसार के लिहाज से भारत के लिए यह बेहतरीन पल है।’
Don't impose tax on sadhus. A baba can't afford so much money: Baba Ramdevhttps://t.co/HV7yLOWMId
— Republic (@republic) January 17, 2018
लोग आस्था मोबाइल एप्प पर चार चैनलों पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रमों को देख सकेंगे। इसके माध्यम से नौ दिन पहले तक के प्रसारित कार्यक्रमों को भी देखा जा सकेगा। हिंदी के अलावा यह एप्प तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, उड़िया, बांग्ला और मराठी में भी उपलब्ध है। इसके अलावा इस मोबाइल एप्प पर बाबा रामदेव के योग शिविर और विभिन्न विषयों पर उनके बहस को भी देखा जा सकेगा। मालूम हो कि बाबा रामदेव के स्वामित्व वाला आस्था चैनल जल्द ही मलयालम, तमिल और तेलुगु में लांच होने वाला है। उन्होंने इसकी सारी तैयारियां पूरी होने की बात कही है।