योगगुरु रामदेव अकसर अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। जहां एक तरफ पत्रकार अपने सवालों से बड़े-बड़े लोगों की बोलती बंद कर देते हैं वहीं बात जब रामदेव की आती है तो वह सबसे चुटकी ले लेते हैं। एबीपी न्यूज पर एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने बारी-बारी से अभिसार शर्मा, दिबांग और विजय विद्रोही पर कमेंट किया।
बात प्रधानमंत्री मोदी की हो रही थी। इसी बीच उन्होंने मोदी की तारीफ़ की और कहा कि उनके प्रोजेक्ट वोट बैंक बनाने वाले कम और देश बनाने वाले ज़्यादा हैं। अभिसार ने कार्यक्रम में जब पूछा, क्या आप दिबांग जी को कुश्ती का ऑफर दे रहे हैं? इसपर हंसते हुए रामदेव बोले, नहीं, नहीं, वो बहुत मुस्कुरा रहे हैं और जूते उन्होंने उतार दिए हैं। मुझे लगा इधर ही आ रहे हैं। हम तो किसी की बरात में नहीं गए लेकिन इनकी बरात में शामिल होना चाहते हैं।
अभिसार अगला सवाल पुछने लगे कि बीच में ही रामदेव बोल पड़े, मुझे विजय विद्रोही से शिकायत है। उन्होंने कहा, ‘ये जब जयपुर में थे, हमारे ननिहाल से आते हैं ये। जब उधर थे तो विद्रोही दिखते थे। दिल्ली में आकर पता नहीं कैसी हवा लगी. आजकल विद्रोह कम कर रखा है।’ इसके बाद अभिसार कहने लगे, वे किससे विद्रो करें? जिनपर आप बोलने से बचते हैं?
रामदेव ने इसके बाद कहा, आप काफी समझदार हो गए हैं। इसी क्रम में अभिसार शर्मा उनसे रामलीला मैदान की घटना पर सवाल पूछने लगे। उन्होंने कहा, उस समय और आज के समय में काफी अंतर है। आप इस परिवर्तन को कैसे देखते हैं। रामदेव ने जवाब देते हुए कहा, जीवन में संघर्ष बहुत जरूरी है।
रामदेव ने कहा, न मैं शहजादा हूं, न राज जादा हूं और न हरामजादा हूं। मैं किसी शाही घराने में पैदा नहीं हुआ। मैं हर संकट को अपनी शक्ति बनता हुआ देखता हूं। हर किसी के जीवन में संकट आना चाहिए। आगे उन्होंने अभिसार से कह डाला कि अगर आपके जीवन में संकट न आया हो तो भगवान से प्रार्थना करता हूं कि आपके भी जीवन में संकट आए।