योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि देश का राजनीतिक हालात बेहद मुश्किल है। अभी यह नहीं कह सकता कि अगला प्रधानमंत्री कौन होगा? तमिलनाडु के मदुरै में मीडिया से बात करते हुए बाबा रामदेव ने कहा, “राजनीतिक हालात बेहद मुश्किल है, हम यह नहीं कह सकते कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। मैं राजनीति पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा हूं। न मैं किसी का विरोध करता हूं और न हीं समर्थन करता हूं। हमारा लक्ष्य सांप्रदायिक या हिंदू भारत बनाने का नहीं है। हम विश्व और भारत को आध्यात्मिक बनाना चाहते हैं।” बाबा रामदेव ने अपने बयान के माध्यम से देश की उस राजनीतिक परिदृश्य को दिखाने की कोशिश की जिसमें कांग्रेस कांग्रेस का जनाधार एक बार फिर से बढ़ता दिख रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी ने हिंदी पट्टी के तीन प्रमुख राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की। वहीं, भाजपा इन तीनों राज्यों की सत्ता से बेदखल हो गई।

भारतीय जनता पार्टी को दूसरी ओर अपने सहयोगियों के विरोध का भी सामना करना पड़ रहा है। बिहार में उपेंद्र कुशवाहा (रालोसपा) एनडीए से अलग हो महागठबंधन के साथ चले गए। वहीं, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी कहा कि यदि भाजपा राम मंदिर निर्माण के मुद्दे पर फैसला नहीं लेती तो आगामी लोकसभा चुनाव साथ नहीं भी लड़ा जा सकता है। हालांकि, भाजपा बिहार में अपने सहयोगी पार्टी जदयू और लोजपा के साथ गठबंधन बचाने में कायम रही। तीनों पार्टियों के बीच शीट शेयरिंग का मामला सुलझ गया।

वहीं, देश के राजनीतिक हालात ये भी बता रहे हैं कि अन्य क्षेत्रिय पार्टी का भी जनाधार बढ़ रहा है। आगामी लोकसभा चुनाव में उनके खाते में भी काफी सीटें जाने की संभावना है। तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव में टीआरएस की पूर्व बहुमत से सरकार बनी। वहीं, एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए सर्वे में भी यह दिखाया गया कि यदि आज लोकसभा चुनाव होता है तो उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव और मायावती साथ आ जाते हैं तो भाजपा का खेल बिगड़ सकता है। पश्चिम बंगाल में भी ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के खाते में सबसे ज्यादा सीटें जाती दिखी।