उत्तरकाशी टनल से सभी 41 मजदूरों को रेस्क्यू कर लिया है। उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार की तरफ से इन मजदूरों के लिए 1 लाख रुपये आर्थिक सहायता का ऐलान किया गया है। राज्य सरकार ने टनल के बाहर स्थानीय देवता बाबा बौखनाग का मंदिर बनाने का भी ऐलान किया है।

इससे पहले टनल से रेस्क्यू किए गए आखिरी मजदूर को एंबुलेंस से CWC चिन्यालीसौड रवाना करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय राज्य मंत्री वी के सिंह स्थानीय बौखनाग देवता के मंदिर में उनके प्रति आभार प्रकट करने गए। इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि सुरंग के मुहाने पर स्थित बाबा बौखनाग के छोटे मंदिर को भव्य बनाया जाएगा।

इलाके के रक्षक माने जाते हैं बौखनाग देवता

बौखनाग देवता को इलाके का रक्षक माना जाता है। मंदिर स्थापित करने के बाद नियमित रूप से बाबा बौखनाग की पूजा की गयी और उनसे सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए आशीर्वाद मांगा गया। अभियान के 17 वें दिन बचावकर्मियों को सफलता मिली और सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।

क्या बाबा बौखनाग के प्रकोप से ढहा सुरंगा का एक हिस्सा?

आपको बता दें कि चारधाम यात्रा मार्ग पर बन रही इस सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था। उस समय इस सुरंग में काम कर रहे 41 श्रमिक मलबे के दूसरी तरफ फंस गए थे। स्थानीय लोग इस हादसे की वजह बौखनाग देवता के प्रकोप को मान रहे थे क्योंकि दीवाली से कुछ दिन पहले उनके मंदिर को तोड़ दिया गया था।

निर्माण एजेंसी ने पहले कहा था कि सुरंग के निर्माण के कारण मंदिर को हटाना पड़ा। हालांकि, बाद में गलती का अहसास होते ही उनकी माफी पाने के लिए सुरंग के बाहर बौखनाग देवता का छोटा मंदिर स्थापित कर दिया गया। (इनपुट – ANI/PTI/भाषा)