Jammu-Kashmir: जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद गनी लोन ने कहा कि आर्टिकल 370 खत्म होने के बाद में जम्मू-कश्मीर के सभी राजनेताओं को दरकिनार कर दिया गया है। इतना ही नहीं उन्होंने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भी बात की। साथ ही भारतीय जनता पार्टी समेत क्षेत्रीय दलों पर जमकर निशाना साधा।
सज्जाद लोन ने कहा कि ये भारतीय जनता पार्टी के नेता उनके एनसी और पीडीपी खिलाफ बयान देते हैं। लोन ने कहा कि क्या हम बच्चे हैं या वे भारतीय जनता पार्टी बच्चे हैं। क्या उन्हें नहीं पता कि इससे उन्हें मदद मिलती है। बीजेपी जो बयान देती है वह नेशनल कॉन्फ्रेंस का महिमामंडन करती है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे एनसी के खिलाफ ज्यादातर बयान जारी करते हैं। जो भी आप देख रहे हैं वह कहानी का सिर्फ एक हिस्सा है। लोन ने कहा कि एनसी कभी भी किसी पूर्व उग्रवादी से हाथ नहीं मिलाएंगे। वह कुलीन वर्ग के हैं। लेकिन यह बयान उनकी 100 फीसदी मदद करेगा। यह अनजाने में नहीं किया जा रहा है। वे महान राजनेता है।
370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर के राजनेताओं को दरकिनार कर दिया
सज्जाद लोन ने एएनआई को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के सभी राजनेताओं को दरकिनार कर दिया गया। वैसे, 2019 के बाद से जम्मू-कश्मीर के किसी भी राजनेता का कोई महत्व नहीं रह गया है। उन्हें किनारे कर दिया गया है। यह पूरी तरह से नौकरशाही है। प्रशासन में कोई राजनेता नहीं है। दूर-दूर तक लोगों द्वारा चुना गया कोई भी व्यक्ति कहीं नहीं है।
आप यकीन नहीं करेंगे। यहां तक कि गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस जैसे आम कार्यक्रम के लिए भी अब राजनेताओं को नहीं बुलाया जाता है। इसलिए पिछले पांच सालों से सचमुच राजनीतिक रंगभेद है। सभी राजनीतिक दलों के लिए। यह किसी एक राजनीतिक दल के लिए नहीं है। लोन ने कहा कि जब अनुच्छेद 370 को हटाया गया तो मैं भी बाकी लोगों की तरह जेल में था। जेल से निकलकर हम कोर्ट में मामला दायर करने वाले पहले पक्ष थे। आप जानते ही होंगे कि हमने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
भारत-पाक के रिश्तों पर क्या बोले लोन
भारत और पाकिस्तान के बीच वार्ता के सवाल पर सज्जाद गनी लोन ने कहा कि संघर्ष न तो हल हो सकते हैं और न ही अनसुलझे रह सकते हैं। संघर्षों को हल करने के लिए नेतृत्व और राजनेता की जरूरत होती है। मुशर्रफ का दौर एक मौका था। मुझे नहीं लगता कि वह भौगोलिक रूप से कुछ मांग रहे थे। शायद अगले 20-30 सालों में जब दोनों पक्षों में राजनेता वाला तत्व होगा तो इसे हल होने में एक साल से ज्यादा का टाइम नहीं लगेगा।