Ayodhya Ram Mandir-Babri Masjid Case Verdict Latest News Today Live Updates: शंकराचार्य स्वरुपानंद सरस्वती ने अयोध्या मसले पर आए फैसले से नाखुशी जाहिर की है। स्वरुपानंद सरस्वती ने कहा कि वह फैसले से खुश नहीं है। दरअसल वह मस्जिद के लिए अयोध्या में 5 एकड़ जमीन दिए जाने के फैसले से खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा इससे अयोध्या में झगड़े होंगे।
अयोध्या फैसले पर पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन देश की न्यायपालिका के स्वर्णिम अध्याय के रुप में दर्ज होगा। कोर्ट ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया है। देश के न्यायाधीश, न्यायालय और न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लोगों ने खुले दिल से फैसले को स्वीकार किया है। पीएम ने कहा कि उन्हें देश की विविधता में एकता पर गर्व है और आज का ऐतिहासिक दिन इसका प्रमाण है। सवा सौ करोड़ देशवासी आज नया इतिहास लिख रहे हैं।
अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय ने फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने कहा कि विवादित जमीन रामलला की है। न्यायालय ने अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी। कोर्ट ने मंदिर निर्माण का आदेश दिया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या में ही मस्जिद के लिए वैकल्पिक जगह देने के निर्देश दिए हैं। केन्द्र या राज्य सरकार यह जमीन मस्जिद के लिए देगी। वहीं एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर अपनी नाराजगी जतायी है। उन्होंने मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन देने के निर्देश पर कहा कि जमीन की खैरात नहीं चाहिए। ओवैसी ने कहा कि यह तथ्यों की नहीं बल्कि आस्था की जीत है।
बता दें कि कोर्ट ने कहा कि ट्रस्ट बनाकर सरकार की ओर से मंदिर निर्माण करवाया जाए। इसके लिए तीन महीने में योजना तैयार की जाए। साथ ही कहा कि मुस्लिम पक्ष को मस्जिद बनाने के लिए कहीं और पांच एकड़ जमीन दे दी जाए। विवादित 2.77 एकड़ जमीन का कब्जा केंद्र सरकार के रिसीवर के पास बना रहेगा।
Ayodhya Verdict LIVE News Updates: जानें मामले से जुड़ा हर अपडेट
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ा। गोगोई ने बताया कि कोर्ट ने 1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिया वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल स्पेशल लीव पेटिशन को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के साक्ष्यों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने कहा कि पुरातात्विक साक्ष्यों को महज राय बताना एएसआई के प्रति बहुत अन्याय होगा। कोर्ट ने कहा, एएसआई यह नहीं बता पाया कि क्या मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। एएसआई ने इस तथ्य को स्थापित किया कि गिराए गए ढांचे के नीचे मंदिर था।


अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शहर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। वहीं पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति सामान्य और शांतिपूर्ण है। अयोध्या के सर्किल ऑफिसर अमर सिंह ने बताया है कि हिंसा या हंगामे की एक भी घटना रिपोर्ट नहीं हुई है फिर चाहे वो मुस्लिमों की तरफ से हो या फिर हिंदुओं की तरफ से। सभी ने फैसले को स्वीकार कर लिया है। हमें किसी भी तरह की चुनौती का सामना नहीं करना पड़ रहा है। हम सभी इलाको में गश्त कर रहे हैं और स्थिति सामान्य है।
बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंहल को 'भारत रत्न' देने की मांग की। स्वामी ने कहा कि ऐतिहासिक घड़ी में उन्हें भी याद किया जाना चाहिए।
शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि यह दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। ठाकरे ने कहा कि वह 24 नवंबर को अयोध्या जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह लालकृष्ण आडवाणी से मिलकर उन्हें धन्यवाद और बधाई भी देंगे। उन्होंने ही इसके लिए रथ यात्रा निकाली थी। मैं उनसे मिलकर आशीर्वाद लूंगा।
यूपी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती नहीं देने का ऐलान किया है। वक्फ बोर्ड के चेयरमैन जफर फारुखी ने कहा कि बोर्ड सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वीकार करते हैं और इस फैसले को चुनौती नहीं देंगे। बता दें कि इससे पहले सुन्नी वक्फ बोर्ड ने अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले को चुनौती देने की बात कही थी।
मशहूर शायर मुनव्वर राणा ने अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि मैं आज के फैसले को सलाम करता हूं। बाबरी मस्जिद एक राजनैतिक मुद्दा बन गई थी। आज इस मसले का अंत हुआ और मैं कहना चाहूंगा कि देश अब इससे आगे बढ़ेगा।
पीएम ने कहा कि सर्वोच्च न्यायलय का फैसला नया सवेरा लेकर आएगा। अब नई पीढ़ी एक नए भारत के निर्माण में जुटेगी। हमें अपना विश्वास इस बात से तय करना है कि हमें सबको साथ लेकर, सबका विश्वास हासिल कर आगे बढ़ते जाना है। पीएम ने कहा कि फैसले के बाद राष्ट्र निर्माण की जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 9 नवंबर को ही बर्लिन की दीवार गिरी थी। आज ही करतारपुर कॉरिडोर खुला है और आज ही के दिन अयोध्या विवाद पर फैसला आया है। पीएम ने कहा कि विवाद को लेकर यदि कभी कटुता रही हो तो आज उसे भी तिलांजलि देने का दिन है। पीएम ने कहा कि कठिन से कठिन विवाद का भी हल संविधान के द्वारा हल हो सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन देश की न्यायपालिका के स्वर्णिम अध्याय के रुप में दर्ज होगा। कोर्ट ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया है। देश के न्यायाधीश, न्यायालय और न्यायिक प्रणाली अभिनंदन के अधिकारी हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि लोगों ने खुले दिल से फैसले को स्वीकार किया है। पीएम ने कहा कि उन्हें देश की विविधता में एकता पर गर्व है और आज का ऐतिहासिक दिन इसका प्रमाण है। सवा सौ करोड़ देशवासी आज नया इतिहास लिख रहे हैं।
अयोध्या मसले पर पीएम मोदी देश की जनता को संबोधित कर रहे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि वर्षों तक चली न्याय प्रक्रिया का आज समापन हो गया है। दुनिया ये मानती है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, आज दुनिया ने ये भी जान लिया है कि है कि भारत का लोकतंत्र कितना मजबूत है।
न्यायालय का फैसला सुनाये जाने के बाद माकपा पोलित ब्यूरो द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि देश में वर्षों से चल रहे इस विवाद का सर्वोच्च अदालत के निर्णायक फैसले से अंत हुआ है। पोलित ब्यूरो ने कहा कि अदालत ने अयोध्या में हिंदू पक्ष को एक ट्रस्ट के माध्यम से मंदिर निर्माण के लिये विवादित 2.77 एकड़ जमीन दी है, साथ ही सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद के निर्माण के लिये पांच एकड़ जमीन दिए जाने का फैसला दिया है।
राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में निगरानी के लिए शनिवार को ड्रोन का इस्तेमाल किया गया।
अधिकारियों ने बताया कि पूर्वोत्तर दिल्ली समेत शहर के कई हिस्सों में लोगों के साथ बैठक की गयी और विभिन्न क्षेत्रों में गश्त के साथ साथ ड्रोन से निगरानी की गई। पुलिस ने बताया कि व्यवस्था बनाये रखने के लिए पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू की गयी है ।
फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी प्रतिक्रिया दी। पीएम ने कहा कि ‘न्याय के मंदिर’ ने दशकों पुराने विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा दिया और न्यायालय के फैसले को किसी की हार या जीत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। आस्था राम के प्रति हो या रहीम के प्रति, अब समय है कि सब मिलकर भारत के प्रति समर्पण को मजबूत करें। पीएम ने कहा कि अयोध्या मामले में न्यायालय के फैसले से लोगों का न्यायिक प्रणाली पर भरोसा मजबूत होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या मामले में न्यायालय के फैसले के बाद देशवासियों से शांति, एकता और मैत्रीभाव बनाए रखने की अपील की।
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस पर सुनवाई के दौरान रामलला का पक्ष रखने वाले वकील सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि यह भारत के लिए बड़ा दिन है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सभी पार्टियों के के हितों का ध्यान रखा है और यह सुनिश्चित किया है कि देश में एकता और समावेश बना रहे और भाईचारा हो। यह कानून के राज की जीत है।
शिवसेना चीफ उद्धव ठाकरे ने अयोध्या पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा कि आज का दिन भारत के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। सभी ने इस फैसले को स्वीकार किया है। मैं आगामी 24 नवंबर को अयोध्या जाऊंगा।
अयोध्या मुद्दे पर अपने ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को कहा कि साल 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिया गया फैसला तार्किक नहीं था। बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में अयोध्या की विवादित भूमि को दावेदारों में बांटने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील हुई थी।
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा है कि हमें सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंजूर है। मैं ऊपर वाले का शुक्रगुजार हूं कि अधिकतर मुस्लिमों ने फैसले को स्वीकार कर लिया है और अब यह विवाद खत्म हो चुका है। हालांकि यह उनका (मुस्लिम पर्सनल बोर्ड) अधिकार है कि वह इस मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल कर सकते हैं। मुझे लगता है कि अब इस मसले का अंत होना चाहिए।
अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय आने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि इस फैसले का सम्मान होना चाहिए और परस्पर सद्भाव बनाए रखा जाना चाहिए। गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘उच्च्तम न्यायालय ने अयोध्या मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हुए हम सब को आपसी सद्भाव बनाए रखना है। ये वक्त हम सभी भारतीयों के बीच बन्धुत्व,विश्वास और प्रेम का है।’’
अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को कहा कि इस न्यायिक निर्णय को ‘हार के हाहाकार और जीत के जुनूनी जश्न’ से बचाना चाहिए। नकवी ने एक बयान में कहा, ‘‘ दशकों पुराने अयोध्या मामले के निपटारे के लिए सर्वोच्च न्यायालय का फैसला स्वागत योग्य है। हम सभी को इसे तहेदिल से स्वीकार और इसका सम्मान करना चाहिए। अपने मुल्क की एकता, सौहार्द, भाईचारे की ताकत को मजबूत करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है।’’उन्होंने कहा, ‘‘इस फैसले को किसी की हार और किसी की जीत के रूप में नहीं देखना चाहिए, यह एक न्यायिक फैसला है। इस न्यायिक फैसले को हार के हाहाकार और जीत के जुनूनी जश्न से बचाना चाहिए।’’
वामदलों ने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का शनिवार को स्वागत करते हुये सभी पक्षों से इसे स्वीकार कर देश में अमन चैन कायम रखने की अपील की है। न्यायालय का फैसला सुनाये जाने के बाद माकपा पोलित ब्यूरो द्वारा जारी बयान में देश में वर्षों से चल रहे इस विवाद का सर्वोच्च अदालत के निर्णायक फैसले से पटाक्षेप होने पर खुशी जतायी। पार्टी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के पांच न्यायाधीशों की पीठ ने इस विवाद को खत्म करने की स्वागतयोग्य पहल की है ताकि इस मामले को ढाल बनाकर व्यापक पैमाने पर ंिहसा फैलाने वाली ताकतें जनधन की हानि न कर सकें। भाकपा के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘अदालत का फैसला सभी पक्षों के लिये स्वीकार्य होना चाहिये। समाज के सभी वर्गों की जिम्मेदारी है कि वे शांति और सौहार्द बनाये रखें, जो कि भारतीय संस्कृति के मूल में है और यही वक्त की पुकार है।’’
द्वारका-शारदा पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने शनिवार को अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है। शंकराचार्य ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं उच्चतम न्यायालय के फैसले से खुश हूं। न्यायालय ने पुष्टि की है कि यह भगवान राम का जन्म स्थान है।’’उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि भगवान राम का जन्म अयोध्या में हुआ था। संत ने अयोध्या में मुसलमानों को पांच एकड़ जमीन आवंटित करने के न्यायालय के निर्देश पर आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्होंने (मुसलमान कम क्षेत्र के लिए दावा किया था। उन्होंने कहा कि अयोध्या में बड़ी संख्या में हिंदू मंदिर हैं। मंदिर निर्माण के लिए न्यास के गठन जैसे अन्य मुद्दों पर शंकराचार्य ने कहा कि उन्हें अभी न्यायालय के आदेश का अध्ययन करना है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के कार्यकाल में स्थापित हुआ एक न्यास पहले से ही मौजूद है।
इस फैसले से एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी बेहद नाराज नजर आए। उन्होंने कहा कि पांच एकड़ जमीन की खैरात नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि वह फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और कोर्ट से एकराय न रखना उनका संवैधानिक हक है।
महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को राज्यपाल भगत ंिसह कोश्यारी से राज भवन में मुलाकात की और अयोध्या मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए उठाये जा रहे कदमों से उन्हें अवगत कराया। शीर्ष अदालत ने शनिवार को अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ कर दिया और केंद्र को सुन्नी वक्फ बोर्ड को एक मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ जमीन आवंटित करने का निर्देश दिया।
फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। पीएम ने कहा कि ‘न्याय के मंदिर’ ने दशकों पुराने विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा दिया और न्यायालय के फैसले को किसी की हार या जीत के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। आस्था राम के प्रति हो या रहीम के प्रति, अब समय है कि सब मिलकर भारत के प्रति समर्पण को मजबूत करें। पीएम ने कहा कि अयोध्या मामले में न्यायालय के फैसले से लोगों का न्यायिक प्रणाली पर भरोसा मजबूत होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या मामले में न्यायालय के फैसले के बाद देशवासियों से शांति, एकता और मैत्रीभाव बनाए रखने की अपील की।
अयोध्या मामले पर आए बीजेपी के फैसजले पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं। इस फैसले से न केवल मंदिर निर्माण का रास्ता खुला है, बल्कि बीजेपी और दूसरी ऐसी पार्टियों द्वारा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की प्रक्रिया का भी अंत हो गया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अंसतुष्टि जताते हुए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के जफरयाब जिलानी ने कहा कि अगर कमेटी सहमत हुई तो फैसले के खिलाफ रिव्यू पेटिशन दाखिल करेंगे। वहीं, अयोध्या मामले में पैरवीकार इकबाल अंसारी ने भी फैसले पर खुशी जताई और कहा कि वे इसका सम्मान करते हैं।
संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद मुंबई में शनिवार को सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गयी जिसके तहत चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी है। मुंबई पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया कि निषेधाज्ञा आदेश सुबह 11 बजे से लागू हुआ और अगले 24 घंटे के लिए लागू रहेगा। इस आदेश के चलते जन सभा करना या चार से अधिक लोगों के एकत्रित होने या जुलूस निकालने पर रोक है। इसमें ऐसी गैरकानूनी सभाओं में भाग लेने के इरादे से लोगों को ले जाने वाले सभी तरह के वाहनों के प्रवेश पर रोक है। वित्तीय राजधानी में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया है। 1993 में अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद यहां साम्प्रदायिक दंगे हुए थे।
निर्मोही अखाड़े ने कहा है कि अयोध्या में विवादित जमीन पर मालिकाना हक का अपना दावा खारिज होने का उसे कोई अफसोस नहीं है। निर्मोही अखाड़े के वरिष्ठ पंच महंत धर्मदास ने ''भाषा'' से बातचीत में कहा कि विवादित स्थल पर अखाड़े का दावा खारिज होने का कोई अफसोस नहीं है, क्योंकि वह भी रामलला का ही पक्ष ले रहा था। उन्होंने कहा कि न्यायालय ने रामलला के पक्ष को मजबूत माना है। इससे निर्मोही अखाड़े का मकसद पूरा हुआ है। मालूम हो कि उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में यह कहते हुए निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज किया कि निर्मोही अखाड़ा राम लला की मूर्ति का उपासक या अनुयायी नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है।
न्यायालय ने अयोध्या में 2.77 एकड़ की पूरी विवादित जमीन राम लला को दी। कुछ वकीलों ने उच्चतम न्यायालय में प्रधान न्यायाधीश की अदालत के बाहर ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए।
कोर्ट ने कहा कि केंद्र और उप्र सरकार साथ मिलकर प्राधिकार की आगे की कार्रवाई की निगरानी कर सकती हैं। साथ ही केंद्र न्यास स्थापित करने में निर्मोही अखाड़े को भी किसी तरह का प्रतिनिधित्व देने पर विचार करे।
महाराष्ट्र के धुले जिले में संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के पहले दीवार पर सांप्रदायिक बात लिखने वाले एक स्वयंभू धर्मगुरु को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। अधिकारी ने बताया कि आरोपी राजेंद्र मराठे उर्फ राजू महाराज ने शुक्रवार को धुले शहर में एक दीवार पर ‘‘श्रीराम’’ लिख कर रंग दिया। उसे तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने फैसले के मद्देनजर लोगों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की है। इसी तरह की एक अन्य घटना में धुले पुलिस ने कथित रूप से फेसबुक पर ‘‘एससी का निर्णय इतिहास पर लगा एक काला धब्बा हटा देगा’’ का आपत्तिजनक पोस्ट लिखने के लिए 56 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया था।
कोर्ट ने कहा कि साक्ष्यों से पता चलता है कि मुसलमान मस्जिद में जुमे की नमाज अदा करते थे जो यह संकेत देता है कि उन्होंने यहां कब्जा नहीं खोया है। वहीं, स्थल पर 1856-57 में लोहे की रेलिंग लगाई गई थी जो यह संकेत देते हैं कि हिंदू यहां पूजा करते रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि हिंदू ये स्थापित करने में सफल रहे कि बाहरी बरामदे पर उनका कब्जा था। कोर्ट ने बाबरी विध्वंस पर भी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाना कानून के खिलाफ था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मालिकाना हक मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के मद्देनजर देशभर में सुरक्षा हालात की शनिवार को समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि गृह मंत्री ने कुछ मुख्यमंत्रियों से भी बात की और उनसे उनके राज्यों के हालात की जानकारी ली। शाह ने उनसे यह सुनिश्चित करने को कहा कि पुलिस एवं प्रशासन सतर्क रहें और कोई अप्रिय घटना नहीं हो। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि समीक्षा बैठक में गृह मंत्री को देश के विभिन्न हिस्सों, खासकर उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की मौजूदा स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। शाह ने कुछ मुख्यमंत्रियों से भी बात की जिन्होंने उन्हें शांति सुनिश्चित करने के लिए उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजीत भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरंिवद कुमार और कई अन्य अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।
उच्चतम न्यायालय ने शनिवार को राजनीतिक दृष्टि से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में कहा कि निर्मोही अखाड़ा राम लला की मूर्ति का उपासक या अनुयायी नहीं है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने अपने फैसले में कहा कि निर्मोही अखाड़े का दावा कानूनी समय सीमा के तहत प्रतिबंधित है। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर शामिल हैं।
न्यायालय ने सर्वसम्मति से शिया वक्फ बोर्ड की अपील खारिज की। शिया वक्फ बोर्ड का दावा विवादित ढांचे को लेकर था जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया। न्यायालय ने कहा कि राजस्व रिकार्ड के अनुसार विवादित भूमि सरकारी है । न्यायालय ने कहा कि निर्मोही अखाड़े की याचिका कानूनी समय सीमा के दायरे में नहीं, न ही वह रखरखाव या राम लला के उपासक।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की बातों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि एएसआई की रिपोर्ट में इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी। विवादित स्थल पर एक ढांचा था। दबा हुए स्ट्रक्चर कोई इस्लामिक ढांचा नहीं था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोर्ट ने कहा कि मस्जिद कब बनी इससे फर्क नहीं पड़ता। कोर्ट ने निर्मोही अखाड़ा का दावा खारिज कर दिया। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई ने कहा कि उन्होंने 1946 के फैजाबाद कोर्ट के फैसले के खिलाफ शिया वक्फ बोर्ड की ओर से दाखिल स्पेशल लीव पेटिशन को खारिज कर दिया।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के मद्देनजर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने समाज के सभी वर्गों से शांति एवं सौहार्द्र बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने एक बयान में कहा कि सभी को फैसले का सम्मान करना चाहिए। पलानीस्वामी ने कहा, ‘‘अम्मा (दिवंगत जयललिता) सरकार तमिलनाडु में कानून एवं व्यवस्था की अच्छी स्थिति सुनिश्चित कर रही है और लोग साम्प्रदायिक सौहार्द्र तथा भाईचारा बना रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि न्यायालय अपना अंतिम फैसला सुनाने वाला है। उन्होंने अनुरोध किया कि ‘‘सभी को इसका सम्मान करना चाहिए और कानून एवं व्यवस्था के मुद्दे में किसी भी चूक को जगह नहीं देनी चाहिए तथा सुनिश्चित करना चाहिए कि तमिलनाडु शांतिपूर्ण रहे।’’उन्होंने इस संबंध में लोगों के अलावा विभिन्न धर्मों और राजनीतिक दलों के नेताओं समेत सभी वर्गों का सहयोग मांगा।
फैसले से पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई की अदालत के सामने वकीलों की भीड़ लग गई।
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई फैसला सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट रवाना हुए।