अयोध्या बलात्कार मामले पर हंगामा जारी है। इस बीच पीड़िता को बेहतर इलाज के लिए लखनऊ रेफर कर दिया गया है। फिलहाल वह जिस अस्पताल में थी वहां बेहतर इलाज नहीं मिल पा रहा था, इसलिए यह फैसला लिया गया है। पीड़िता को एंबुलेंस से रेफर किया गया है और उसके साथ डॉक्टरों की एक टीम भी मौजूद है। इस पूरे मामले पर जमकर सियासत भी हो रही है। जहां बीजेपी और समाजवादी पार्टी आमने-सामने हैं।

जमकर हो रही सियासत

बीजेपी और सपा के बीच इस मुद्दे को लेकर मचे घमासान के दौरान भाजपा नेताओं के तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को अयोध्या की 12 वर्षीय कथित बलात्कार पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों से मुलाकात की। इस मामले के मुख्य आरोपी कहे जा रहे मोईद खान की बेकरी को अधिकारियों द्वारा गिरा दिया गया है।

अखिलेश यादव जमकर बरसे

अयोध्या बलात्कार मामले पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा का एकमात्र काम काम में बाधा डालना है। उन्होंने कहा, “भाजपा का उद्देश्य समाजवादियों को बदनाम करना रहा है। मुसलमानों के प्रति उनकी सोच अलोकतांत्रिक, असंवैधानिक है। हाथरस में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई। गोमती नगर की घटना में जब पुलिस ने आरोपियों के नामों की सूची दी तो सीएम ने केवल यादवों के नाम लिए। अयोध्या की घटना में डीएनए टेस्ट के लिए वे क्यों हिचकिचा रहे हैं, जिसका उल्लेख उनके नए कानूनों में किया गया है। अधिकारी भी दबाव में काम कर रहे हैं।”

बीजेपी इस पूरे मामले में समाजवादी पार्टी के एक नेता के शामिल होने का आरोप लगा रही है। पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है। सीएम योगी ने इस मामले को विधानसभा में भी उठाया था और कहा था कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने विधानसभा में कहा था कि जो शख्स इस मामले में शामिल वह फैजाबाद सांसद का करीबी है, लेकिन सपा ने किसी तरह का कदम नहीं उठाया है।