अयोध्या में बनने वाला राम मंदिर विश्व हिंदू परिषद के 30 साल पुराने डिजाइन पर आधारित होगा। सरकार द्वारा नियुक्त श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी है। जिस मॉडल पर राम मंदिर का निर्माण होना है, उसे राम जन्मभूमि न्यास द्वारा बनाया गया था। राम जन्मभूमि न्यास का गठन साल 1985 में राम मंदिर निर्माण के लिए किया गया था।

खबर के अनुसार, मंदिर में 424 पिलर होंगे, जिनकी माप 16 फीट होगी। छत नक्काशीदार होगी और राम लला के लिए एक खास और भव्य सिंहासन का भी निर्माण किया जाएगा। राम मंदिर परिसर में सीता रसोई, धर्मशाला, भजन के लिए अलग से परिसर, गर्भगृह, एक सिंह द्वार और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक रंग मंडप भी होगा।

उल्लेखनीय है कि साल 1987 में विहिप के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंघल के कहने पर मंदिरों का डिजाइन बनाने के लिए मशहूर आर्किटेक्ट चंद्रकांत सोमपुरा ने राम मंदिर का डिजाइन तैयार किया था। इसमें पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फुट पत्थर की जरूरत बतायी गई थी।

डिजाइन के अनुसार, राम मंदिर भगवान विष्णु के पसंदीदा अष्टकोणीय आकार में नागर शैली में बनाया जाएगा। इस डिजाइन के मुताबिक मंदिर की लंबाई 270 फुट, चौड़ाई 135 फुट और ऊंचाई 125 फुट बतायी गई है। हर मंजिर पर 106 खंभे होंगे। पहली मंजिर पर खंभों की लंबाई 16.5 फुट और दूसरी मंजिल पर 14.5 फुट होगी। मंदिर में संगमरमर के फ्रेम और लकड़ी के दरवाजों का इस्तेमाल किया जाएगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का कहना है कि राम मंदिर निर्माण में देरी ना हो, इसलिए मौजूदा मॉडल से ही मंदिर निर्माण का फैसला किया गया है। इस मॉडल के तहत मंदिर दो मंजिला होगा। ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने बताया कि मंदिर के डिजाइन में किसी तरह के बदलाव जैसे कि मंदिर की ऊंचाई को बढ़ाना या तीसरी मंजिल के निर्माण का फैसला बाद में लिया जाएगा।

 

चंपत राय ने बताया कि हमारी प्राथमिकता विहिप के मॉडल पर राम मंदिर का निर्माण करना है। मंदिर का 70 प्रतिशत ग्राउंड वर्क पूरा हो चुका है, क्योंकि 200 से ज्यादा मजदूर बीते तीन दशकों से मंदिर निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाले पत्थरों की नक्काशी में जुटे थे। ऐसे में मंदिर के ढांचे को तैयार करने में ज्यादा समय नहीं लगेगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास और तीन अन्य सदस्यों ने गुरुवार को पीएम मोदी से उनके आवास पर मुलाकात भी की। बताया जा रहा है कि जब तक राम मंदिर का निर्माण होगा, तब तक राम लला की प्रतिमा को राम जन्मभूमि मंदिर स्थल पर एक अन्य मंदिर में शिफ्ट किया जाएगा।