Ayodhya Ram Mandir-Babri Masjid Case Updates: राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि – बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार से रोजाना सुनवाई शुरू की। जमीन विवाद से जुड़ी सुनवाई की लाइव स्ट्रीमिंग या ऑडियो रिकॉर्डिंग जारी करने की याचिका को चीफ जस्टिस ने ठुकरा दिया।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा, ‘‘चलिए हम सुनवाई शुरू करते हैं।’’ जमीन विवाद मामले में सुनवाई की शुरुआत निर्मोअही अखाड़ा की अपील पर हियरिंग के साथ हुई। सीनियर एडवोकेट सुशील के जैन ने अपनी दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि उनकी अपील विवाद भूमि के अंदरुनी इलाके पर मालिकाना हक को लेकर है।

निर्मोही आखाड़ा के वकील ने अयोध्या मामले में बहस शुरू की, कहा मुकदमा मूलत: वस्तुओं, मालिकाना हक और प्रबंधन अधिकारों के बारे में है । निर्मोही अखाड़ा के वकील ने कहा कि सैकड़ों साल तक अंदर के परिसर और राम जन्मस्थान पर हमारा नियंत्रण था।

निर्मोही अखाड़े के वकील ने कहा कि बाहरी परिसर जिसमें सीता रसोई, चबूतरा, भंडार गृह हैं, वे अखाड़ा के नियंत्रण में थे और किसी मामले में उनपर कोई विवाद नहीं था। 1934 से ही किसी भी मुसलमान को वहां प्रवेश की अनुमति नहीं थी और उसपर सिर्फ निर्मोही खाड़ा का नियंत्रण था। अखाड़े ने इस क्षेत्र के प्रबंधन और नियंत्रण की मांग की।

बता दें कि मध्यस्थता के माध्यम से कोई आसान हल निकलने का प्रयास नाकाम होने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले की रोजाना सुनवाई करने का फैसला किया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ मामले की सुनवाई कर रही है।

पीठ में जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस ए नजीर भी शामिल हैं। पीठ ने दो अगस्त को तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति की रिपोर्ट का संज्ञान लिया था। मध्यस्थता समिति के प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस एफ एम आई कलीफुल्ला थे। पीठ ने कहा था कि करीब चार महीने चली मध्यस्थता प्रक्रिया का कोई परिणाम नहीं निकला।

Live Blog

11:27 (IST)06 Aug 2019
निर्मोही अखाड़ा ने दी क्या दलील?

निर्मोही अखाड़े के वकील ने कहा कि बाहरी परिसर जिसमें सीता रसोई, चबूतरा, भंडार गृह हैं, वे खाड़ा के नियंत्रण में थे और किसी मामले में उनपर कोई विवाद नहीं था। 1934 से ही किसी भी मुसलमान को वहां प्रवेश की अनुमति नहीं थी और उसपर सिर्फ निर्मोही खाड़ा का नियंत्रण था। अखाड़े ने इस क्षेत्र के प्रबंधन और नियंत्रण की मांग की।

11:17 (IST)06 Aug 2019
अभी तक क्या हुआ

न्यायालय ने अयोध्या मामले की सुनवाई की रिकॉर्डिंग करने की आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोंविदाचार्य की अर्जी खारिज की । निर्मोही आखाड़ा के वकील ने अयोध्या मामले में बहस शुरू की, कहा मुकदमा मूलत: वस्तुओं, मालिकाना हक और प्रबंधन अधिकारों के बारे में है । निर्मोही अखाड़ा के वकील ने कहा कि सैकड़ों साल तक अंदर के परिसर और राम जन्मस्थान पर हमारा नियंत्रण था।

11:00 (IST)06 Aug 2019
निर्मोही अखाड़े के वकील ने बहस शुरू की

सुप्रीम में राम मंदिर मुद्दे पर चल रही सुनवाई में फिलहाल निर्मोही अखाड़े के वकील अपना पक्ष रख रहे हैं। खबर के अनुसार, निर्मोही अखाड़े ने अहाते पर मालिकाना हक का दावा किया है। 

11:00 (IST)06 Aug 2019
मध्यस्थता हुई थी नाकाम

शीर्ष अदालत के कलीफुल्ला की अध्यक्षता में न्यायालय ने तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति गठित की थी। इस समिति ने एक अगस्त को न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस विवाद का सर्वमान्य समाधन खोजने में हिन्दू और मुस्लिम पक्षकार सफल नहीं हो सके। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सितंबर, 2010 में अपने बहुमत के निर्णय में कहा था कि अयोध्या में विवादास्पद 2.77 एकड़ भूमि तीनों पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बांट दिया जाये। उच्च न्यायालय के इस फैसले को चुनौती देते हुये शीर्ष अदालत में 14 अपीलें दायर की गयी हैं। 

10:58 (IST)06 Aug 2019
मध्यस्था से नहीं निकल सका कोई समाधान

शीर्ष अदालत के कलीफुल्ला की अध्यक्षता में न्यायालय ने तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति गठित की थी। इस समिति ने एक अगस्त को न्यायालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि इस विवाद का सर्वमान्य समाधन खोजने में हिन्दू और मुस्लिम पक्षकार सफल नहीं हो सके। 

10:57 (IST)06 Aug 2019
निर्मोही अखाड़ा की याचिकाओं पर सुनवाई

जमीन विवाद मामले में सुनवाई की शुरुआत निर्मोअही अखाड़ा की अपीलों पर हियरिंग के साथ हुई। सीनियर एडवोकेट सुशील के जैन ने अपनी दलीलें रखीं। उन्होंने कहा कि उनकी अपील विवाद भूमि के अंदरुनी इलाके पर मालिकाना हक को लेकर है।