Ayodhya Ram Mandir-Babri Masjid Case: मध्यस्थता को लेकर नियुक्त की गई समिति के किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचने के बाद को सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले पर 6 अगस्त से रोज सुनवाई का आदेश दिया था। रामजन्मभूमि- बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर उच्चतम न्यायालय ने आज से सुनवाई शुरू कर दी है। मंगलवार को निर्मोही अखाड़ा के तर्क के साथ सुनवाई शुरू हुई। इस मामले की सुनवाई संविधान पीठ कर रही है जिसकी अध्यक्षता खुद रंजन गोगई कर रहे हैं। इस सुनावई के दौरान रंजन गगोई ने एक दिलचस्प सवाल पूछा। दरअसल, उन्हें यह जानना था कि राम मंदिर का ढ़ाचा क्या है। इस दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि राम जन्म स्थान में एंट्री कैसे होती है। यहां सीता रसोई से जाना होता है या हनुमान द्वार से? उन्होंने कहा कि हमारे सामने पहले राम जन्म स्थान के स्ट्रक्चर की स्थिति साफ करें।

निर्मोही अखाड़े ने मांगा पूजा का अधिकार:
कोर्ट में सुनावई के दौरान निर्मोही अखाड़े की तरफ से कहा गया कि उन्हें वहां पूजा का अधिकार मिलना चाहिए। इसपर रंजन गगोई ने निर्मोही अखाड़ा से कुछ बुनियादी सवाल पूछ लिए। कोर्ट ने यह भी कहा कि आप सबसे पहले अपनी बात रख रहे हैं तो आप पूरे मामले को शुरू से बताएं।

आपको बोलने के लिए समय दिया जाएगा: अदालत में सुनवाई के दौरान निर्मोही अखाड़ें की तरफ से दलील दी जा रही थी। इस दौरान मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने टोक दिया। इसपर चीफ जस्टिस ने उन्हें बीच में ना बोलने को कहा और कहा कि उन्हें उनका समय दिया जाएगा। कोर्ट की गरिमा का ध्यान रखें।

बता दें कि मध्यस्थता के जरिए विवाद को कोई हल नहीं निकल पाने के बाद कोर्ट ने इस मामले पर रोजाना सुनवाई का आदेश दिया है। यह सुनवाई हफ्ते में तीन दिन मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को होगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। इस पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर शामिल हैं।