अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हिंदू संगठनों ने मांग की है कि कारसेवकों पर चलाए जा रहे मुकदमों को वापस लिया जाए। अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने इस सिलसिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक पत्र में कहा गया है कि 1992 के कारसेवकों पर चल रहे मुकदमों को वापस लिया जाना चाहिए।। इसके साथ ही उन्हें धार्मिक सेनानी की दर्जा मिलना चाहिए। पत्र में मांग की गई है कि अयोध्या-बाबरी मस्जिद विवाद में जो भी कारसेवक मारे गए उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए। इसके अलावा उनके परिजनों को सरकारी नौकरी और आर्थिक मदद दी जाए।
बता दें कि 1990 के मंदिर आंदोलन के दौरान में देशभर से कई कारसेवक शामिल हुए थे और इस पूरे प्रकरण में हिस्सा लिया था। इस दौरान हुए नुकसान, हिंसा आदि के लिए कारसेवकों पर मुकदमें दर्ज किए गए। बाबरी मस्जिद ढहाने और मंदिर निर्माण के लिए लोगों ने अपनी-अपनी इच्छा से सेवाएं दी थीं। इस मुहिम में शामिल लोग जो भी काम करते थे उसे कारसेवा का नाम दिया गया और काम करने वाले लोगों को कारसेवक कहा गया।
बता दें कि हिंदू संगठनों ने यह मांग ऐसे समय पर की है जब सुप्रीम कोर्ट ने एतिहासिक फैसला सुनाते हुए हिंदू पक्ष को विवादित जमीन का मालिकाना हक सौंपा है। कोर्ट ने इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही पांच एकड़ की वैकल्पिक जमीन देने का आदेश जारी किया है।

