अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में करीब 28 साल तक हुए कानूनी उतार-चढ़ाव के बाद बुधवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। सीबीआई की विशेष अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। इस केस में फैसला सुनने वाले जज सुरेंद्र कुमार यादव का यह आखिरी फैसला था। इसके साथ ही जज यादव आज रिटायर हो गए हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर यह केस न होता तो जज यादव पिछले सितंबर ही रिटायर हो गए होते।

सुरेंद्र कुमार यादव को 5 साल पहले बाबरी विध्वंस केस में स्पेशल जज नियुक्त किया गया था। जज सुरेंद्र कुमार यादव को 1 साल का कार्यकाल विस्तार मिला था। बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई को देखते हुए ही सुरेंद्र कुमार यादव को यह सेवा विस्तार दिया गया था। सुरेंद्र कुमार यादव फैजाबाद से बेहद करीब से जुड़े रहे। उनकी पहली तैनाती फैजाबाद जिले में ही हुई थी, जिसका नाम अब अयोध्या हो चुका है। 28 बरस पुराने इस आपराधिक मुक़दमे की सुनवाई करने वाले स्पेशल जज सुरेंद्र कुमार यादव की ज़िंदगी में ऐसा लगता है कि फ़ैज़ाबाद रह-रह कर उनके पास लौटता रहा है।

पांच साल पहले 5 अगस्त, 2015 को उन्हें इस मुक़दमे में विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। 19 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें रोज़ाना ट्रायल कर इस मामले की सुनवाई दो साल में पूरा करने का निर्देश दिया था। सुरेंद्र कुमार यादव को सेवा विस्तार ही नहीं बल्कि उनका तबादला भी रोका गया था। सुरेंद्र कुमार ने सुनवाई एडीजे के तौर पर शुरू की थी। बाद में उनका प्रमोसन कर जज बनाते हुए उनका तबादला बदायूं कर दिया गया था।

बता दें विशेष अदालत ने बुधवार को फैसला सुनाते हुए पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, एमपी की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती, बीजेपी के सीनियर नेता विनय कटियार समेत कुल 32 आरोपियों को बरी कर दिया है।