इस्लामिक स्टेट से रिश्तों के शक में भारत ने गुरुवार को एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक को डिपोर्ट कर दिया। भारत की ओर से किसी विदेशी पर इस तरह की कार्रवाई पहली बार की गई है। द इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि मलेशियाई मूल के ऑस्ट्रेलियाई युवक अहमद फहीम बिन हमाद अवांग को गुरुवार रात पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। वह पर्थ से दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचा था। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर केंद्रीय जांच एजेंसी के अफसरों ने अहमद से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक, अफसरों को उसके लैपटॉप में इस्लामिक स्टेट से जुड़ा जिहादी लिटरेचर भी मिला। इसके अलावा, हथियारों के साथ खिंचवाई गई कई तस्वीरें भी मिलीं।
सूत्रों के मुताबिक, अहमद से जब उसके भारत आने की वजह पूछी गई, उसने बताया कि वह दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में होने वाली एक मीटिंग में शामिल होने आया है। हालांकि, जवाब देने के दौरान वह कई सवालों से बचता दिखा। उसके पास एक वैध वीजा था, लेकिन उसके लैपटॉप पर दिखे कंटेंट के मद्देनजर यह माना गया कि उसे भारत में दाखिल होने देना खतरे से खाली नहीं। इसके बाद, उसे वापस ऑस्ट्रेलिया भेज दिया गया। बता दें कि इस्लामिक स्टेट के जिहादियों के अकेले ही हमलों को अंजाम देने के माॅड्यूल की वजह से सिक्युरिटी एजेंसियां और ज्यादा चिंतित हैं। इस ऑस्ट्रेलियाई युवक को ऐसे वक्त में वापस भेजा गया है, जब पूरे भारत में इस्लामिक स्टेट से जुड़े लोगों पर कार्रवाई चल रही है। एजेंसियों ने करीब 15 लोगों को आईएस से रिश्ते के शक में पकड़ा है।
गुरुवार को भी कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने कश्मीरी गेट आईएसबीटी इलाके से आईएसआईएस से संपर्क रखने के संदेह में 28 वर्षीय एक युवक को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी पिछले माह एक आतंकवादी मॉड्यूल का पता लगाए जाने के संदर्भ में की गई पांचवीं गिरफ्तारी है। पुलिस ने बताया, ‘‘केन्द्रीय खुफिया एजेंसी की सूचना के आधार पर गुरुवार रात इब्राहिम सैयद नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया। सैयद मुंबई में मलाड क्षेत्र का मुअज्जिन है। वह अपने किसी सहयोगी से मिलने दिल्ली आया था।’’ समझा जाता है कि सैयद ने पिछले माह हरिद्वार में गिरफ्तार किये गये चार व्यक्तियों को 50,000 रुपए दिए थे। हरिद्वार में गिरफ्तार इन चारों व्यक्तियों के तार इंडियन मुजाहिद्दीन के एक पूर्व आतंकी से जुड़े थे, जो बाद में आईएसआईएस के लड़ाकों में शामिल हो गया।