Kaunain Sheriff M, Anonna Dutt

इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी एक और बड़ी जानकारी सामने आई है। अरबिंदो फार्मा ने अपने डायरेक्टर की गिरफ्तारी से पहले बीआरएस, टीडीपी और बीजेपी तीनों दलों को चंदा दिया था। लेकिन जब उसके डायरेक्टर की गिरफ्तारी हुई, उसके बाद उसने केवल बीजेपी को चंदा दिया। मामले में अरबिंदो फार्मा के डायरेक्टर सरकारी गवाह भी बन गए थे। ये खुलासा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करने वाली एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के रिमांड एप्लीकेशन से पता चला है।

ED की रिमांड एप्लीकेशन से खुलासा

अरबिंदो फार्मा के नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पी शरथ चंद्र रेड्डी ने 25 अप्रैल 2023 को दावा किया गया था कि केजरीवाल ही दिल्ली शराब उत्पाद शुल्क नीति मामले में किंगपिन और मुख्य साजिशकर्ता हैं। उनके इसी बयान का जिक्र ED ने किया है।

ईडी ने आरोप लगाया था कि सरथ चंद्र रेड्डी और तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता उस ‘साउथ ग्रुप’ का हिस्सा थे, जिसने आम आदमी पार्टी को शराब घोटाले मामले में 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। इसमें से 45 करोड़ रुपये 2022 में पार्टी के गोवा चुनाव अभियान के फाइनेंस के लिए हवाला के माध्यम से भेजे जाने का आरोप लगाया गया।

सरथ चंद्र रेड्डी को 10 नवंबर 2022 को मामले में गिरफ्तार किया गया था। इलेक्टोरल बॉन्ड डेटा से पता चलता है कि 15 नवंबर 2022 को अरबिंदो फार्मा ने 5 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे। बीजेपी ने यह रकम 21 नवंबर 2022 को भुना ली।

अरबिंदो फार्मा ने 25 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे

सरथ चंद्र रेड्डी ने 25 अप्रैल 2023 को ईडी के पास एक बयान दर्ज कराया और 1 जून 2023 को एक विशेष अदालत ने उन्हें मामले में सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी। मामले में बयान दर्ज करने के कुछ ही महीनों बाद अरबिंदो फार्मा ने 8 नवंबर 2023 को 25 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे। बाद में इन सभी बॉन्ड को 17 नवंबर 2023 को भाजपा द्वारा भुनाया गया।

अरबिंदो फार्मा शीर्ष दवा कंपनियों में से एक है, जिसका 2022-23 में 25,146 करोड़ रुपये का कुल राजस्व है और 1,927 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा है। इसका लगभग 90% राजस्व इंटरनेशनल ऑपरेशन से आता है। जब सरथ चंद्र रेड्डी को 10 नवंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था, तब कंपनी ने बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को बताया था कि रेड्डी की गिरफ्तारी किसी भी तरह से अरबिंदो फार्मा लिमिटेड या उसकी सहायक कंपनियों के संचालन से जुड़ी नहीं है।

अप्रैल 2021 से अक्टूबर 2022 तक के चुनावी बॉन्ड डेटा से पता चलता है कि रेड्डी की गिरफ्तारी से पहले अरबिंदो फार्मा ने कुल 22 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे थे। इस राशि में से तेलंगाना की बीआरएस ने 15 करोड़ रुपये भुनाए, जबकि भाजपा और टीडीपी ने क्रमशः 4.5 करोड़ और 2.5 करोड़ रुपये भुनाए।

अब ईडी ने आरोप लगाया है कि AAP के पूर्व कम्युनिकेशन हेड और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर ने ‘साउथ ग्रुप’ से 100 करोड़ केजरीवाल और AAP की ओर से रुपये की रिश्वत ली थी। हैदराबाद स्थित व्यवसायी अरुण पिल्लई (जो बीआरएस की के कविता के करीबी सहयोगी हैं) पर आरोप है कि उन्होंने 2020-21 के लिए दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के तहत राष्ट्रीय राजधानी में शराब बाजार में एक बड़ा हिस्सा हासिल करने के लिए रिश्वत का भुगतान किया था।