महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने औरंगजेब की कब्र को लेकर कथित तौर पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के प्रयासों की रविवार को निंदा की और कहा कि इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने लोगों से इतिहास से जुड़ी जानकारियों के लिए व्हॉटसऐप पर आने वाले संदेशों पर निर्भर न रहने को कहा।

राज ठाकरे ने शिवाजी पार्क में वार्षिक गुड़ी पड़वा रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुगल शासक एक विचार को मारना चाहते थे और वह है शिवाजी लेकिन असफल रहे। उन्होंने कहा कि बीजापुर के सेनापति अफजल खान को प्रतापगढ़ किले के पास दफनाया गया था और यह छत्रपति शिवाजी महाराज की अनुमति के बिना संभव नहीं था।

फिल्म से जागृत हुए हिंदू बेकार- राज ठाकरे

राज ठाकरे ने लोगों से उकसावे में नहीं आने और विचलित न होने का आग्रह करते हुए कहा कि शिवाजी से पहले और शिवाजी के बाद के युगों में सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियां भिन्न थीं। राज ठाकरे ने यह भी कहा है कि फिल्म देखकर जागने वाले हिंदू बेकार हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम मौजूदा समय के असली मुद्दों को भूल गए हैं। एक फिल्म देखकर जागने वाले हिंदू किसी काम के नहीं हैं। क्या आपको विक्की कौशल को देखकर संभाजी महाराज के बलिदान के बारे में और अक्षय खन्ना को देखकर औरंगजेब के बारे में पता चला?’’

ठाकरे ने कहा कि आपको व्हॉटसऐप पर इतिहास समझ में नहीं आता। इसके लिए आपको किताबें पढ़नी होंगी। अब कोई भी इतिहास के बारे में बात नहीं करने लगा है। वे विधानसभा में भी औरंगजेब के बारे में बात करते हैं।”

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ठाकरे बोले- हमें सिर्फ औरंगजेब की चिंता

राज ठाकरे ने कहा, “वर्तमान स्थिति में मूल मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। सभी मुद्दे भटक रहे हैं। हमें जंगल की चिंता नहीं है, हमें पानी की चिंता नहीं है। हमें सिर्फ औरंगजेब की चिंता है। वह अंगूर खा रहा है और हम लड़ रहे हैं। औरंगजेब की कब्र बनी रहनी चाहिए या उसे तोड़ा जाना चाहिए? ये मुद्दे अभी कैसे आ गए?”

गंगा को साफ करने वाले पहले व्यक्ति राजीव गांधी थे- मनसे प्रमुख

मनसे प्रमुख ने महाकुंभ मेले पर बात करते हुए कहा, “पिछले कुछ दिनों में कुछ घटनाएं हुई हैं। मुझे आपको उनके बारे में बताना चाहिए। उस दिन जब मैंने कुंभ मेले में भाषण दिया था, तो कुछ हिंदुत्ववादियों ने सोचा कि मैंने कुंभ मेले का अपमान किया है। हमारे देश में नदियों की भयानक स्थिति है, जिन्हें हम अपनी मां कहते हैं, हमारे शासकों द्वारा उनकी अनदेखी की जा रही है। मुझे याद है कि गंगा को साफ करने वाले पहले व्यक्ति राजीव गांधी थे। तब से लेकर अब तक गंगा साफ हो गई है, लेकिन कुछ नहीं हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी यही कहा है। उत्तर से कई लोग मेरे पास आए हैं। वहां स्नान करने वाले कई लोग बीमार पड़ गए हैं।”

राज ठाकरे ने आगे कहा, “क्या हमें अपनी स्थिति में सुधार नहीं करना चाहिए? अब समय बदल गया है, जनसंख्या बढ़ गई है। पहले चीजें अलग थीं। अब स्थिति अलग है। एक हजार साल पहले चीजें अलग थीं। अब स्थिति अलग है। अब, क्या हम इस तरह के अनुष्ठान करने के लिए घाट पर जगह नहीं बना सकते थे? फिर वे कहते हैं कि लोग सुन नहीं रहे हैं। हमारी नदियाँ साफ रहनी चाहिए। हम धर्म के नाम पर नदियों को नष्ट कर रहे हैं। हमारे धर्म में सुधार होना चाहिए।” पढ़ें- देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स

(भाषा के इनपुट के साथ)