अतुल सुभाष हत्याकांड में एक नया मोड़ सामने आया है। अतुल सुभाष मामले में पुलिस ने आरोपी पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार किया है। इस बीच एक मीडिया रिपोर्ट आई कि अतुल के भाई विकास मोदी की ओर से जांच में पूरा सहयोग नहीं मिल रहा है। वहीं अब अतुल सुभाष के भाई ने पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है।

अतुल सुभाष के छोटे भाई विकास मोदी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि साक्ष्य को मिटाने की कोशिश की जा रही है, जिससे केस प्रभावित हो सकता है। अतुल सुभाष के भाई ने पुलिस पूछताछ में कहा कि अतुल के दस्तावेजों से छेड़छाड़ की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह गंभीर मामला है और पुलिस अधिकारियों को ध्यान देने की जरूरत है।

अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद 9 दिसंबर को विकास मोदी ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। सुसाइड के बाद पुलिस ने मोबाइल और लैपटॉप अपने कब्जे में ले लिया था। अब बड़ा सवाल है कि जब अतुल का मोबाइल और लैपटॉप पुलिस की कस्टडी में है, तो फिर दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ कैसे हो रही है? पुलिस इस मामले में साइबर क्राइम के एंगल से भी जांच कर रही है।

पुलिस जांच में मदद नहीं कर रहा AI इंजीनियर का भाई, अब तक नहीं दिए मांगे गए सबूत, क्या कोई गड़बड़ी है?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अतुल के भाई विकास मोदी द्वारा केस दर्ज कराए जाने के बावजूद वे जांच आधिकारी के सामने सबूत देने के लिए पेश नहीं हुए। उनको पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया था, फिर भी वो नहीं आए। बेंगलुरु पुलिस को इस बात को कंफर्म करने के लिए कि सुसाइड नोट की लिखावट अतुल की ही है, ऐसे में सबूत की जरूरत है। अतुल के भाई विकास को इसके लिए सबूत देने होंगे। साथ ही अपने भाई के आरोपों के समर्थन में भी उन्हें सबूत देने होंगे।

अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को आत्महत्या की थी। लेकिन पुलिस के अनुसार 8 दिसंबर को निकिता सिंघानिया गुरुग्राम के पीजी में शेयरिंग रूम में रहने के लिए पहुंची थी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 8 दिसंबर की शाम को निकिता ने अपना सामान पीजी में रखा और वहां से चली गई। उन्होंने 9 दिसंबर से 1 महीने तक का किराया भी 8 को ही दे दिया। पढ़ें इस खुलासे से जुड़ी पूरी खबर