अतुल सुभाष की मौत के मामले में पुलिस ने एक बड़ा खुलासा किया है। बता दें कि पुलिस ने रविवार को ही अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, मां निशा सिंघानिया और निकिता के भाई अनुराग सिंघानिया को गिरफ्तार किया है। अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को आत्महत्या की थी। लेकिन पुलिस के अनुसार 8 दिसंबर को निकिता सिंघानिया गुरुग्राम के पीजी में शेयरिंग रूम में रहने के लिए पहुंची थी।
एक दिन पहले पीजी में रखा था सामान
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार 8 दिसंबर की शाम को निकिता ने अपना सामान पीजी में रखा और वहां से चली गई। उन्होंने 9 दिसंबर से 1 महीने तक का किराया भी 8 को ही दे दिया।
पुलिस के सूत्रों के अनुसार जिस सामान को निकिता ने पीजी में 8 दिसंबर को रखा था, वह अभी भी वहीं है। 8 दिसंबर से लेकर गिरफ्तारी तक निकिता किसी भी दिन वहां पर नहीं रुकी। अभी तक उसने पीजी में अपना वेरिफिकेशन भी नहीं करवाया है, केवल उसने केवाईसी करवाई है। 8 दिसंबर के बाद पीजी ने कई बार निकिता से संपर्क करने की कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। पीजी वालों को निकिता के इतिहास के बारे में कुछ नहीं पता है।
निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से किया गया गिरफ्तार
आरोपी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया, जबकि निशा सिंघानिया और अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया। उन्हें अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बेंगलुरु के मराठाहल्ली थाने में केस दर्ज होने के बाद से ही निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा और भाई अनुराग घर से फरार हो गए थे। गुरुवार देर रात एक वीडियो सामने आया था, जिसमें निकिता सिंघानिया की मां निशा एक होटल में बैठी नजर आ रही थीं। हालांकि अब वो गिरफ्तार हो चुके हैं।
निकिता सिंघानिया ने अग्रिम जमानत के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। तीन अन्य आरोपियों ने भी अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की है। बेंगलुरु पुलिस ने इस मामले में निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया को आरोपी बनाया है। बताया जा रहा है कि सिंघानिया परिवार ने कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए कई बड़े वकीलों का पैनल नियुक्त किया है। पढ़ें जौनपुर के थाने में दर्ज वो FIR जिसमें फंसता ही चला गया अतुल सुभाष पढ़ें पूरी खबर…
