Atul Subhash Suicide Case: पिछले दो दिनों से इंटरनेट पर अतुल सुभाष का नाम ट्रेंड कर रहा है। समाज के संवेदनशील विषयों को लेकर संजीदा लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि महिलाओं के अधिकारों की जोर-शोर से वकालत करने वाले तमाम बुद्धिजीवी अतुल सुभाष की आत्महत्या के मुद्दे को क्यों नहीं उठा रहे हैं। अतुल सुभाष बेंगलुरु में इंजीनियर थे और उन्होंने आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या करने से पहले उन्होंने 1 घंटे 20 मिनट का एक वीडियो बनाया और 24 पेज का सुसाइड नोट भी छोड़ा।
वीडियो और सुसाइड नोट में अतुल सुभाष ने बताया है कि उनकी मौत के लिए जिम्मेदार कौन लोग हैं और किस वजह से उन्हें इतनी कम उम्र में आत्महत्या जैसा खतरनाक कदम उठाना पड़ रहा है। इंटरनेट पर लोग कह रहे हैं कि क्या इस देश में पुरुष अधिकारों या पुरुषों के हक की बात करने वाला कोई नहीं है। क्या मानवाधिकारों की बात पुरुषों के लिए नहीं होनी चाहिए। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि किस तरह महिलाओं की सुरक्षा के लिए बने कानून पुरुषों के लिए मुसीबत बन गए हैं।
अतुल सुभाष ने अपने वीडियो और सुसाइड नोट में बताया है कि उनकी पत्नी और उसके रिश्तेदारों ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ कई फर्जी मामले दर्ज करवा दिए हैं। अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया, पत्नी के रिश्तेदार अनुराग सिंघानिया और जौनपुर की प्रिंसिपल फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
जज पर लगाया रिश्वत मांगने का आरोप
अतुल सुभाष मूल रूप से बिहार के रहने वाले थे। जौनपुर में अतुल सुभाष के ससुराल वाले रहते हैं और उनके कुछ मामलों की सुनवाई जौनपुर की एक फैमिली कोर्ट में चल रही थी। अतुल ने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि जज रीता कौशिक ने इस मामले के सेटलमेंट के लिए उनसे 5 लाख रुपये की मांग की थी।
निकिता सिंघानिया को नौकरी से निकालने की मांग
अतुल सुभाष की आत्महत्या को लेकर इंटरनेट पर लोग इस कदर नाराज हैं कि उन्होंने उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया को नौकरी से निकलने की मांग पुरजोर ढंग से उठाई है। कुछ यूजर्स ने लिखा कि निकिता सिंघानिया को तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए। कुछ यूजर्स ने पूछा है कि क्या आप हत्यारों को नौकरी देते हैं? इसके बाद इस कंपनी ने X पर अपना अकाउंट प्राइवेट कर लिया है।
बेंगुलरू पुलिस ने दर्ज की FIR
इस मामले में इंटरनेट पर बवाल के बाद बेंगलुरु पुलिस ने अतुल सुभाष के भाई विकास की शिकायत पर निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, उनके भाई अनुराग सिंघानिया और उनके चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में बीएनएस की धारा 108 और 3(5) का हवाला दिया गया है।
इंटरनेट पर अतुल सुभाष की मां का वीडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वह दहाड़ मार-मारकर रो रही हैं और अपने बेटे के लिए इंसाफ की मांग कर रही हैं। अतुल के पिता कहते हैं कि एक केस खत्म होता था तो उसकी पत्नी दूसरा केस लगा देती थी।
…इंसाफ मिलना चाहिए
अतुल सुभाष अपनी पत्नी के साथ चल रहे विवाद की वजह से इस कदर मानसिक तनाव में थे कि वह पिछले कई महीनों से अपनी आत्महत्या को लेकर प्लानिंग कर रहे थे। अतुल सुभाष ने अपनी मौत से पहले किए जाने वाले हर काम की एक चेकलिस्ट बनाई थी और हर काम के पूरा होने के बाद वह उसके आगे ‘काम पूरा होने का निशान’ लगा देते थे। ऐसी एक चेकलिस्ट का प्रिंटआउट बेंगलुरु में उनके घर की दीवार पर भी लगा हुआ था। इसके बगल में एक और कागज चिपका था जिस पर लिखा था- ‘इंसाफ मिलना चाहिए’।
तीन हिस्सों में थी चेकलिस्ट
अतुल सुभाष ने इस चेकलिस्ट को तीन हिस्सों में बांटा था। ये हिस्से थे- ‘Before last day’, ‘Last day’ और ‘Execute last moment’। इसका मतलब है ‘आखिरी दिन से पहले’, ‘आखिरी दिन’ और ‘आखिरी पलों वाले काम’। जैसे कि अपने फोन का फिंगरप्रिंट और फेस रिकग्निशन हटाना, ताकि उनके मरने के बाद उनके परिचित इसे एक्सेस कर सकें। अपनी कार, बाइक और कमरे की चाबियां फ्रिज पर छोड़ना, ऑफिस के काम को पूरा करना और अपने लैपटॉप और चार्जर को जमा करना आदि शामिल थे।
चेकलिस्ट में ‘आखिरी दिन’ और ‘आखिरी पलों वाले काम’ वाले हिस्सों के लिए एक कॉलम था जिसमें होने वाले कामों को चेक किया जा सकता था लेकिन ‘आखिरी दिन से पहले’ वाले हिस्से में ‘हो गया’ लिखा था, जो यह बताता है कि ये काम पूरे किए जा चुके थे। इनमें अपने पैसे को सेफ करना, ऑफिस का काम पूरा करना, कानूनी तैयारियां करना, सभी कम्युनिकेशन को इकट्ठा करना और डेटा का बैकअप लेना आदि शामिल थे।
‘आखिरी दिन’ वाले हिस्से में एक और काम था- एक डेटा बैकअप बनाना। दूसरे काम यह थे कि अपने फोन से फिंगरप्रिंट हटाना, स्कैन किया हुआ सुसाइड नोट अपलोड करना, सभी पेमेंट पूरे करना, अपना वीडियो सुसाइड नोट अपलोड करना और अपना लैपटॉप, चार्जर और आईडी कार्ड ऑफिस को सौंपना शामिल थे।
‘आखिरी पलों वाले काम’ में नहाना, कार, बाइक और कमरे की चाबियां फ्रिज पर रखना और सुसाइड नोट को मेज पर छोड़ना था।
कार के गूगल मैप की लोकेशन की थी शेयर
सुभाष के भाई विकास कुमार ने पुलिस में दी शिकायत में कहा था कि सुभाष ने दुनिया को छोड़ने से पहले उन्हें कई संदेश भेजे थे। जिसमें उसने उन्हें अलविदा कहा था और अपनी कार के गूगल मैप की लोकेशन भी शेयर की थी। सुभाष की चेकलिस्ट में उनके वकीलों और परिवार को मैसेज भेजना और हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को ईमेल भेजना भी शामिल था। इसमें उन्होंने अपने केस से जुड़े जज के बारे में शिकायत की थी जिस पर यह आरोप लगाया गया था कि उसने कथित तौर पर रिश्वत ली थी।
सुभाष ने पूरी की थीं ‘पेंडिंग रिस्पांसिबिलिटी’
यह सभी चेक लिस्ट बनाने में सुभाष ने काफी सावधानी बरती थी। अतुल सुभाष के सुसाइड नोट से पता चलता है कि उन्हें यह तय करने में वक्त लगा कि उनकी सभी ‘पेंडिंग रिस्पांसिबिलिटी’ अब पूरी हो गई हैं। अतुल सुभाष ने लिखा है कि इस काम को पूरा करने में उन्हें कुछ महीने लग गए, सरकारी दफ्तरों में काफी धीरे काम होता है और इस वजह से उन्हें आत्महत्या करने में देरी हुई है। पेशे से इंजीनियर सुभाष ने लिखा था कि उन्हें उम्मीद है कि यह देरी उनके खिलाफ नहीं जाएगी।
अतुल सुभाष अपने सुसाइड नोट में यह भी लिखते हैं कि वह जितना अधिक मेहनत करेंगे उतना ही उन्हें और उनके परिवार को परेशान किया जाएगा, उनसे जबरन वसूली की जाएगी और यह पूरा न्यायिक सिस्टम उनका उत्पीड़न करने वालों की मदद करेगा। अगर वह इस संसार से चले जाएंगे तो उनके पास कोई पैसा नहीं होगा और उनके बूढ़े माता-पिता और उनके भाई को परेशान नहीं किया जाएगा।
अतुल सुभाष लिखते हैं कि उनकी पत्नी और उसके परिवार ने उनके खिलाफ दहेज एक्ट के तहत एक मामला दर्ज किया है और कुछ अन्य मामले महिलाओं के खिलाफ क्रूरता जैसी धाराओं से जुड़े हैं।
पत्नी ने कहा था- तुम आत्महत्या क्यों नहीं कर रहे हो
वह लिखते हैं कि एक बार उन्होंने जज को बताया था कि किस तरह झूठे मामलों की वजह से पुरुष आत्महत्या करने को मजबूर हैं तो उनकी पत्नी ने उनसे पूछा था कि वह आत्महत्या क्यों नहीं कर रहा है और इसी तरह सास ने भी पूछा था कि उसने अभी तक आत्महत्या क्यों नहीं की है?
सुभाष ने लिखा है कि जब उन्होंने अपनी सास से पूछा था कि उनके मरने के बाद वे और उनकी बेटी पैसे कहां से लाएंगे तो उनकी सास ने कहा था कि वह उनके माता-पिता से पैसे लेंगे और पूरी कोशिश करेंगे कि उनका पूरा परिवार जिंदगी भर अदालतों के चक्कर लगाता रहे।
कौन हैं जौनपुर की फैमिली जज रीता कौशिक, जिनका अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में किया है जिक्र क्लिक कर पढ़िए खबर में।