Atul Subhash Case: अतुल सुभाष आत्महत्या केस इंजीनियर ने अपनी जान लेने से पहले पत्नी निकिता सिंघानिय समेत उनके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाया था। निकिता, उसकी मां समेत कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन कोर्ट ने उन सभी को जमानत दे दी। दूसरी ओर अतुल ने यह भी कहा था कि निकिता ने उसे अपने बेटे से दूर रखा। अतुल के माता पिता ने भी पूछा था कि आखिर अतुल का बच्चा कहां हैं। इसको लेकर निकिता ने कोर्ट में जानकारी दी है।

निकिता सिंघानिया के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि अतुल और उसका चार साल का बेटा एनसीआर के फरीदाबाद स्थित बोर्डिंग स्कूल में पढ़ता है। अतुल की मां ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी थी कि उस चार साल के बच्चे की कस्टडी दादी-बाबा को दी जाए, लेकिन कोर्ट ने उसे झटका दिया जाए।

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निकिता के वकील ने किया याचिका का विरोध

निकिता सिंघानिया के वकील ने अतुल सुभाष की मां की ओर से बच्चे की कस्टडी मांगने का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि बच्चा उन लोगों के पास कभी नहीं रहा और न ही उनसे परिचित है। ऐसे में इतने छोटे बच्चे को कैसे किसी अनजान को सौंपा जा सकता है। यही नहीं याचिका पर सुनवाई करने वाली जस्टिस नागरत्ना ने दादी-बाबा की उम्मीदों को झटका दिया है।

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जस्टिस नागरत्ना ने भी कहा कि माफ करना, लेकिन बच्चा कस्टडी के याचिकाकर्ता से तो बिल्कुल भी परिचित नहीं है। इस तरह अदालत के रुख से साफ है कि अतुल सुभाष के माता और पिता को अतुल सुभाष के बच्चे की कस्टडी नहीं दी जा सकती है। निकिता के वकील ने बताया कि बच्चे को फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल से निकाल लिया गया है और बेंगलुरू ले जाया जा रहा है।

बोर्डिंग स्कूल को लेकर जताई आपत्ति

बेंगलुरू में ही निकिता की शर्तों के अनुसार रहेगी, इसलिए बच्चे को भी यहीं रखा जाएगा। अब तक निकिता भी एनसीआर में रहती थी और बच्चा भी वहीं पढ़ता था। अतुल सुभाष के माता-पिता के वकील ने कहा कि 6 साल के बच्चे को बोर्डिंग में नहीं रखा जा सकता है।

इसको लेकर निकिता के वकील ने कहा कि वह अब वहीं रहेगा जहां निकिता रहेगी। बता दें कि अगली सुनवाई में बच्चे को भी कोर्ट रूम में लाने को कहा है। जुर्म से जुड़ी अन्य खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।